महाशाल n. (सो. अनु.) एक अनुवंशीय राजा, जो मत्स्य एवं वायु के अनुसार जनमेजय राजा का पुत्र था ।
महाशाल (जाबाल) n. शतपथ ब्राह्मण में निर्दिष्ट एक आचार्य । इसने धीर शातपर्णेय को शिक्षा प्रदान की थी
[श.ब्रा.१०.३.१.१] । शतपथ ब्राह्मण में अन्यत्र इसे अश्वपति राजा से शिक्षा प्राप्त करनेवाले ब्राह्मणों में से एक कहा गया है
[श.ब्रा.१०.६.१.१] । छांदोग्य उपनिषद में इसके नाम का निर्देश ‘प्राचीलशाल औषमन्यव’ नाम से किया गया है, एवं ‘महाशाल’ शब्द ‘एक महान् गृहवाला’ इस अर्थ से एक विशेषण के रुप में प्रयुक्त किया गया है
[छा.उ.५.११.१,३,६.४.५] । मुण्डक उपनिषद में भी ‘महाशाल’ शब्द एक उपाधि के रुप में शौनक के लिए प्रयुक्त किया गया है
[मुं.उ.१.१.३] ;
[ब्रह्म.उ.१] ।
महाशाल II. n. एक ब्राह्मणसमूह, जिसने अश्वपति कैकेय राजा से शिक्षा प्राप्त की थी
[श.ब्रा.१०.६.१.१] । संभव है, इन ब्राह्मणों का महत्त्व बढाने के लिए इनका इस प्रकार वर्णन किया गया है ।