विशाख n. इंद्रसभा का एक ऋषि
[म. स. ७.१२] ।
विशाख II. n. (सो. पुरूरवस्.) एक राजा, जो आयु राजा का पुत्र था
[पद्म. सृ. १२] ।
विशाख III. n. स्कंद के तीन छोटे भाईयों में से एक । इसके अन्य दो भाईयों के नाम शाख एवं नैगमेय थे । इसके जन्म के संबंध में एक चमत्कृतिपूर्ण कथा महाभारत में प्राप्त है । एक बार स्कंद अपने पिता शिव से मिलने जा रहा था । उस समय, शिव, पार्वती, अग्नि एवं गंगा चारों ही एकसाथ मन ही मन सोचने लगे कि, स्कंद उनके पास रहने आये तो अच्छा होगा। उनके मनोभाव को समझ कर, स्कंद ने योगबल से अपने स्कंद, विशाख, शाख एवं नैगमेय नामक चार रूप बना दिये, जो क्रमशः शिव, पार्वती, अग्नि एवं गंगा के पास रहने लगे। स्कंद से उत्पन्न होने के कारण, ये परस्पर अभिन्न माने जाते है
[म. श. ४४.३४] ।
विशाख IV. n. स्कंद का एक रूप। एक समय इंद्र ने स्कंद पर वज्र का प्रहार किया, जिस कारण उसकी दायी पँसली पर गहरी चोट लगी। इस चोट में से स्कंद का एक नया रूप प्रकट हुआ, जिसकी युवावस्था थी । उसने सुवर्णमय कवच धारण किया था, एवं उसके हाथ में एक शक्ति थी । वज्र के घाव से उसकी उत्पत्ति होने के कारण, उसे ‘विशाख’ नाम प्राप्त हुआ।