सुमित्रा n. मगध देशाधिति शूर राजा की कन्या, जो इक्ष्वाकुवंशीय दशरथ राजा की तीन पत्नियों में से एक थी । इसके पुत्रों के नाम लक्ष्मण एवं शतृघ्न थे (दशरथ देखिये) । एक अत्यंत विवेकशील एवं धर्मनिष्ठ राजपत्नी के नाते वाल्मीकि रामायण में सुमित्रा का चरित्रचित्रण किया गया है
[वा. रा. अयो. ४४.१] । राम के वनगमन के समय इसने अपने सकुशल संभाषणों के द्वारा राम की माता कौसल्या को सांत्वना दी थी
[वा. रा. अयो. ४४.३०] ।
सुमित्रा n. तुलसी के द्वारा विरचित ‘मानस’ में वर्णित सुमित्रा केवल विवेकशील ही नहीं, बल्कि अत्यंत मितभाषणी एवं राजनैतिक जीवन से संपूर्णतया दूर है । अयोध्या में क्या हो रहा है , इसका कुछ भी पता इस सेवापरायण एवं सरलह्लदया स्त्री को नहीं है
[मानस. २.७३-७४] ।
सुमित्रा II. n. कृष्ण की एक पत्नी।
सुमित्रा III. n. एक दुराचारी स्त्री, जो शिव को ‘बिल्वपत्र’ चढाने के कारण जीवनमुक्त हुई
[स्कंद. ३.३.२] ।