हव्य [havya] a. a. [हु-कर्मणि यत्] To be offered in oblations.
व्यम् Clarified butter.
An oblation or offering to the gods (opp. कव्य q. v.).
An oblation in general; ममेष्टं नित्यशो हव्यैर्मन्त्रैः संपूज्य पावकम्
[Rām.7.3.] 12.
-व्या A cow; इडे रन्ते हव्ये etc. ŚB. on
[MS.3.1.] 49. -Comp.
-आशः fire.
-कव्यम् oblations to the gods and to the Manes, or spirits of deceased ancestors; हव्यकव्याभिवाह्याय सर्वस्यास्य च गुप्तये
[Ms.1.94;3.97,128;] et seq.
-पाकः an oblation cooked with butter and milk, or the pot in which it is cooked.
-लेहिन्, -वाह्, -वाह, -वाहन m. m. 'the bearer of oblations', fire; तथा हि तोयौघविभिन्नसंहतिः स हव्यवाहः प्रययौ पराभवम्
[Ki.16.61;] अथ संचिन्तयामास भगवान् हव्यवाहनः
[Mb.3.217.1.]