हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|स्नानसे पूर्वके कृत्य|प्रात: स्मरणीय श्लोक| शिवस्मरण प्रात: स्मरणीय श्लोक प्रात: स्मरणीय श्लोक गणेशस्मरण विष्णुस्मरण शिवस्मरण देवीस्मरण सूर्यस्मरण त्रिदेवोंके साथ नवग्रहस्मरण ऋषिस्मरण प्रकृतिस्मरण पुण्यश्लोकोंका स्मरण शिवस्मरण प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा शिवस्मरण Translation - भाषांतर प्रात: स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशंगड्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।खट्वाड्गशूलवरदाभयहस्तमीशंसंसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥'संसारके भयको नष्ट करनेवाले, देवेश, गंड्गाधर, वृषभवाहन, पार्वतीपति, हाथमें खट्वाड्ग एवं त्रिशूल लिये और संसाररुपी रोगका नाश करनेके लिये अद्वितीय औषध-स्वरुप, अभय एवं वरद मुद्रायुक्त हस्तवाले भगवान् शिवका मैं प्रात:काल स्मरण करता हूँ ।' N/A References : N/A Last Updated : November 25, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP