हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|सहजोबाईजी| शरीर और संसार की वास्तविकता सहजोबाईजी अल्प परिचय विषय सूची जीवन सतगुरु की दया परमात्मा निर्गुण और सगुण मनुष्य-जन्म और प्रभुभक्ति शरीर और संसार की वास्तविकता नश्वर शरीर जगत् झूठा है कर्म और कर्मफल जीव की अवस्था बचपन युवावस्था वृद्ध अवस्था सहजोबाईजी - शरीर और संसार की वास्तविकता सहजोबाई का संबंध चरणदासी संप्रदाय से है । Tags : bhajansahajobaiभजनसहजोबाई शरीर और संसार की वास्तविकता Translation - भाषांतर झूठा नाता जगत का, झूठा है घर बास । यह तन झूठा देख कर, सहजो भई उदास ॥==मिटते सूँ मत प्रीत करि, रहते सूँ करि नेह । झूठे कूँ तजि दीजिये, साँचे में करि गेह ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 19, 2023 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP