हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|आरती|सप्तवारोंकी आरती| बुधवार की आरती सप्तवारोंकी आरती रविवार की आरती सोमवार की आरती मंगलवार की आरती बुधवार की आरती बृहस्पतिवार (गुरूवार) की आरती शुक्रवार की आरती शनिवार की आरती बुधवार की आरती आरतीमे उस उपास्य देवताकी स्तुती की जाती है, जिसकी पूजा या व्रत किया जाता है । Tags : aratibudhwarwednesdayआरतीबुधवार बुधवार की आरती Translation - भाषांतर बुधवार की आरती आरती युगलकिशोर की कीजै । तन मन न्यौछावर कीजै ॥टेक॥ गौरश्याम मुख निरखत लीजै । हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै ॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा । ताहि निरखि मेरे मन लोभा ॥ ओढ़े नील पीत पट सारी । कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥ फूलन की सेज फूलन की माला । रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला ॥ मोरमुकुट कर मुरली सोहै । नटवर कला देखि मन मोहै ॥ कंचनथार कपूर की बाती । हरि आए निर्मल भई छाती ॥ श्री पुरुषोत्तम गिरिवर धारी । आरती करें सकल ब्रज नारी ॥ नन्दनन्दन बृजभानु किशोरी । परमानन्द स्वामी अविचल जोरी ॥ N/A References : N/A Last Updated : January 11, 2008 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP