भजन - सब कछु जीवितकौ ब्यौहार । ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


सब कछु जीवितकौ ब्यौहार ।

मातु-पिता, भाई-सुत बांधव, अरु पुनि गृहकी नारि ॥

तनतें प्रान होत जब न्यारे, टेरत प्रेत पुकार ।

आध घरी को नहिं राखै, घरतें देत निकार ॥

मृग तृस्ना ज्यों जग रचना यह देखौ ह्रदै बिचार ।

कह नानक, भजु रामनाम नित, जातें होत उधार ॥

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Last Updated : December 20, 2007

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