प्रभु मेरे प्रीतम प्रान पियारे ।
प्रेम-भगति निज नाम दीजिये, द्याल अनुग्रह धारे ॥
सुमिरौं चरन तिहारे प्रीतम, ह्रदै तिहारी आसा ।
संत जनाँपै करौं बेनती, मन दरसन्कौ प्यासा ॥
बिछुरत मरन, जीवन हरि मिलते, जनको दरसन दीजै ।
नाम अधार, जीवन-धन नानक प्रभु मेरे किरपा कीजै ॥