भजन - जाके उर उपजी नहिं भाई । ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


जाके उर उपजी नहिं भाई ।

सो क्या जाने पीर पराई ॥टेक॥

ब्यावर जाने पीरकी सार ।

बाँझ नार क्या लखै बिकार ॥१॥

पतिब्रता पतिकौ ब्रत जानै ।

बिभिचारिन मिल कहा बखानै व२॥

हीरा-पारख जौहरी पावै ।

मूरख निरखकै कहा बतावै ॥३॥

लागा घाव कराहे सोई ।

कोगतहार के दरद न कोई ॥४॥

रामनाम मेरा प्रान-अधार ।

सोई रामरस पावनहार ॥५॥

जन दरिया जानेगा सोई ।

(जाके) प्रेमक माल कलेजे पोई ॥६॥

जो धुनियाँ तौ भी मैं राम तुम्हारा ।

अधम कमीन जाति मतिहीना, तुम तौ हौ सिरताज हमारा ॥टेक॥

कायाका मंत्र सबद मन मुठिया, सुखमन ताँत चढ़ाई ।

गगनमँडलमें धनुआँ बैठा, मेरे सतगुर कला सिखाई ॥१॥

पाप पान हर कुबुध काँकड़ा, सहज सहज झड़ जाई ।

घुंडी-गाँठ रहन नहिं पावै, इकरंगी होय आई ॥२॥

इकरँग हुआ भरा हरि चोला, हरि कहै कहा दिलाऊँ ।

मैं नाहीं मेहनतक लोभी, बकसौ मौज भगति निज पाऊँ ॥३॥

किरपा कर हरि बोले बानी, तुम तौ हौ मम दास ।

दरिया कहै, मेरे आतम भीतर, मेलौ राम भगति बिस्वास ॥४॥

बाबल कैसे बिसरो जाई ।

यदि मैं पति सँग रल खेलूँगी, आपा धरम समाई ॥टेक॥

सतगुरु मेरे किरपा कीनी, उत्तम बर परणाई ।

अब मेरे साईंको सरम पड़ैगी लेगा ह्रदय लगाई ॥

थे जानराय, मैं बाली-भोली, थे निरमल, मैं मैली ।

थे बतलाओ, मैं बोल न जानूँ, भेद न सकूँ सहेली ॥

थे ब्रह्मभाव, मैं आतप कन्या, समझ न जानूँ बानी ।

दरिया कहै परि पूरा पाया, यह निश्चै कर जानी ॥

भैरव

कहा कहूँ मेरे पिउकी बात ।

जो रे कहूँ सोई अंग सुहात ॥टेक॥

जब मैं रही थी कन्या क्वाँरी ।

तब मेरे कर्म हता सिर भारी ॥१॥

जब मेरी पिउसे मनसा दौड़ी ।

सतगुरु आन सगाई जोड़ी ॥२॥

जब मैं पिउका मंगल गाया ।

तब मेरा स्वामी ब्याहन आया ॥३॥

हथलेवा कर बैठी संगा ।

तउ मोहि लीनी बायें अंगा ॥४॥

जनदरिया कहै मिट गई दूती ।

आपौ अरप पीवसँग सूती ॥५॥

रामनाम नहिं हिरदे धरा ।

जैसा पसुवा तैसा नरा ॥१॥

पसुवा नर उद्यम कर खावै ।

पसुवा तौ जंगल चर आवै ॥२॥

पसुवा आवै, पसुवा जाय ।

पसुवा चरै औ पसुवा खाय ॥३॥

रामनाम ध्याया नहिं माईं ।

जनम गया पसुवाकी नाईं ॥४॥

रामनामसे नाहीं प्रीत ।

यह ही सब पसुवोंकी रीत ॥५॥

जीवत सुखदुखमें दिन भरै ।

मुवा पछे चौरासी परै ॥६॥

जनदरिया जिन राम न ध्याया ।

पसुवा ही ज्यों जनम गँवाया ॥७॥

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Last Updated : March 02, 2010

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