हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|व्यासजी| परमधन राधे नाम अधार ।... व्यासजी राधा बल्लभ मेरौ प्यारौ... बृंदाबन की सोभा देखे ... नव चक्र चूडा़ नृपति म... हरिदासनके निकट न आवत ... रसिक अनन्य हमारी जाति ... धरम दुर्यो कलिराज दिखाई ... परमधन राधे नाम अधार ।... भजन - परमधन राधे नाम अधार ।... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanvyasjiभजनव्यासजी कान्हरा Translation - भाषांतर परमधन राधे नाम अधार । जाहि स्याम मुरलीमें टेरत, सुमिरत बारंबार ॥जंत्र-मंत्र औ बेद तंत्रमें सबै तारकौ तार ।श्रीसुक प्रगट कियो नहिं यातैं जानि सारको सार ॥ कोटिन रुप धरे नँद-नंदन, तऊ न पायौ पार । ब्यासदास अब प्रगट बखानत, डारि भारमें भार ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 21, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP