भजन - चरचा करी कैसे जाय । ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


चरचा करी कैसे जाय ।

बात जानत कछुक हमसों, कहत जिय थहराय ॥

कथा अकथ सनेहकी, उर नाहिं आवत और ।

बेद समृती उपनिषदकों, रही नाहिंन ठौर ॥

मनहिमें है कहनि ताकी, सुनत श्रोता नैन ।

सोऽब नागर लोग बूझत, कहि न आवत बैन ॥

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Last Updated : December 22, 2007

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