हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|नागरीदास| चरचा करी कैसे जाय । ... नागरीदास हमारै मुरलीवारौ स्याम । ... चरचा करी कैसे जाय । ... जो मेरै तन होते दोय ... भजन - चरचा करी कैसे जाय । ... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajannagaridasनागरीदासभजन भजन Translation - भाषांतर चरचा करी कैसे जाय । बात जानत कछुक हमसों, कहत जिय थहराय ॥ कथा अकथ सनेहकी, उर नाहिं आवत और । बेद समृती उपनिषदकों, रही नाहिंन ठौर ॥ मनहिमें है कहनि ताकी, सुनत श्रोता नैन । सोऽब नागर लोग बूझत, कहि न आवत बैन ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 22, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP