वैशाख कृष्णपक्ष व्रत - प्रदोषव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


प्रदोषव्रत -

यह सुप्रसिद्ध व्रत है । प्रत्येक मासकी कृष्ण - शुक्ल त्रयोदशीको किया जाता है । इसका विशेष विवरण वैशाख शुक्लमें देखिये । व्रतीको चाहिये कि वह व्रतके दिन सूर्योस्तके समय पुनः स्त्रान करके शिवजीके समीप बैठकर उनका भक्तिसहित पूजन करे और सूर्यास्तसे दो या तीन घड़ी रात्रि व्यतीत होनेसे पहले ही भोजन करके शिवका स्मरण करे ।

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Last Updated : January 16, 2009

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