कुमारीपूजा
( निर्णयामृत, भविष्योत्तर ) -
श्रावण कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षकी नवमीको चाँदीकी बनी हुई कुमारी नामकी देवीका पूजन करे । मलयज चन्दन, कनेरके पुष्प, दशाङ्ग धूप, घृतपूर्ण दीपक और घीमें पकाये हुए मोदकादिसे पूजन करके ब्राह्मण, ब्राह्मणी और कुमारीको भोजन करावे । स्वयं बिल्वपत्र भक्षण करे तो परम तत्त्व प्राप्त होता है ।