रामज्ञा प्रश्न - प्रथम सर्ग - सप्तक १

गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।


बानि बिनायकु अंब रबि गुरु हर रमा रमेस ।

सुमिरि करहु सब काज सुभ, मंगल देस बिदेस ॥१॥

भगवती सरस्वती, श्रीगणेशजी, श्रीपार्वतीजी, श्रीसूर्यभगवान, गुरुदेव, भगवान शड्कर, भगवती लक्ष्मी करो, स्वदेश और विदेशमें सब कहीं कल्याण होगा॥१॥

( शुभ-कार्य सम्बन्धी प्रश्‍न है तो सफलता मिलेगी । )

गुरु सरसइ सिंधूर बदन ससि सुरसरि सुरगाइ ।

सुमिरि चलहु मग मुदित मन, होइहि सुकृत सहाइ ॥२॥

गुरुदेव, सरस्वती देवी, गणेशजी, चन्द्रमा, गड्गाजी और कामधेनुका स्मरण करणे मार्गमें प्रसन्न मनसे चलो, ( तुम्हारे ) पुण्य सहायक होंगे ॥२॥

( यात्रासम्बन्धी प्रश्‍न हो तो यात्रा सफल होगी । )

गिरा गौरा गुरु नगप हर मंगल मंगल मूल ।

सुमित करतल सिद्धि सब, होइ ईस अनुकुल ॥३॥

श्रीसरस्वतीजी, पार्वतीजी, गुरुदेव, गणेशजी, शकरजी और मंगलके दाता मंगल ( ग्रह ) का स्मरण करनेसे दैव अनुकुल हो जाता है और सब सिद्धियॉं हाथमें आ जाती हैं ॥३॥

( सभी प्रकारके कार्योमें सफलता होगी । )

भरत भारती रिपु दवनु गुरु गनेस बुधवार ।

सुमिरत सुलभ सधर्म फल, बिद्या बिनय बिचार ॥४॥

श्रीभरतलाल, सरस्वती देवी, शत्रुघ्नकुमार, गुरुदेव, गणेशजी और बुधवार ( के देवता बुध ) का स्मरण करनेसे उत्तम धर्मका फल, विद्या, विनय तथा विचार सुलभ हो जाते हैं ॥४॥

( यदि अध्ययन, धर्मकार्य, शास्त्र-चर्चासम्बन्धे प्रश्‍न है तो सफलता होगी । )

सुरगुरु गुरु सिय राम गन राउ गिरा उर आनि ।

जो कछु करिय सो होय सुभ, खुलहिं सुमंगल खानि ॥५॥

देवगुरु बृहस्पतिजी, गुरुदेव, श्रीजानकीजी, श्रीरामजी, गणेशजी और सरस्वती देवीका हृदयमें ध्यान करकें जो कुछ किया जाता है, परिणाम शुभ होता है और सुमड्गलकी खानें खुल जाती हैं ( बराबर कल्याण ही होता रहता है । ) ॥५॥

( सभी प्रकारके प्रश्‍नोंके लिये सफलता सूचित होती है । )

सुक्र सुमिरि गुरु सारदा गनपु लखनु हनुमान ।

करिय काजु सब साजु भल, निपटहिं नीक निदान ॥६॥

दैत्यगुरु शुक्र, गुरुदेव, सरस्वती देवी, गणेशजी, लक्ष्मणजी और हनुमान्‌जीका स्मरण करके सब काम करना चाहिये इससे सारी व्यवस्था ठीक हो जायगी और परिणाम भी अत्यन्त सुन्दर होगा ॥६॥

( सभी प्रकार के कायोंमें सपलता होगी )

तुलसी तुलसी राम सिय, सुमिरि लखनु हनुमान ।

काजु बिचारेहु सो करहु, दिनु दिनु बड़ कल्यान ॥७॥

तुलसीदासाजी कहते हैं कि तुलसी ( पौधे ). श्रीराम, जानकीजी. श्रीलक्ष्मणजी और हनुमान्‌जीका स्मरण करके जो कार्य सोचा है, उसे करो। दिनोंदिन बड़ा कल्याण होगा ॥७॥ ( सभी प्रकारके कार्योंमें सफलता होगी )

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Last Updated : January 22, 2014

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