मन मलीन मानी महिप कोक कोकनद बृंद ।
सुहृद समाज चकोर चित प्रमुदित परमानंद ॥१॥
( श्रीरामके धनुष्य तोड़्नेसे ) चकवा पक्षी और कमलसमूहके समान अभिमानी राजाओंका मन मलिन ( म्लान ) हो गया और ( महाराज जनकके ) प्रियजनोंके समाजका चित्त चकोरोंके समान अत्यंन्त आनन्दसे प्रसन्न हो गया ॥१॥
( यह शकुन विपक्षपर विजय सूचित करता है । )
तेहि अवसर रावन नगर असगुन असुभ अपार ।
होहिं हानि भय मरन दुख सूचक बारहिं बार ॥२॥
उस समय रावणके नगर ( लड्का ) में अशुभदायक बहुत अधिक अपशकुन हुए, जो बार-बार यह सुचित करते थे कि हानि, भयकी प्रात्पि, मरण और दुःख होगा ॥२॥
( यह शकुन अनिष्ट सूचित करता है । )
मधु माधव दसरथ जनक, मिलब राज रितुराज ।
सगुन सुवन नव दल सुतरु, फुलत फलत सुकाज ॥३॥
महाराज दशरथ और महाराज जनक चैत्र-वैशाखके समान हैं, उनक मिलन ऋतुराज वसन्त है । इस समयके शकुन उत्तम वृक्षसे नवीन कोपल फूटनेके समान हैं, जो शुभकार्यरूपी पुष्प और फल देते हैं ॥३॥
( शुभकार्य सम्बन्धी प्रश्नका फल सुखदायक है । )
बिनय पराग सुप्रेम रस, सुमन सुभग संबाद ।
कुसुमित काज रसाल तरु सगुन सुकोकिल नाद ॥४॥
उनकी ( महाराज दशरथ और जनकजीकी परस्परकी विनम्रता पुष्प-पराग है, ( परस्परका ) उत्तम प्रेम रस ( मधु ) है और उनका परस्पर संभाषण पुष्प है । इस समयका कार्य ( श्रीसीता-रामका विवाह ) ही आमके वृक्षमें पुष्प ( मौर ) लगना है, जिसमें शकुन कोकिलकी कूकके समान होते हैं ॥४॥
( प्रश्न - फल उत्तम है । )
उदित भानु कुल भानु लखि लुके उलूक नरेस ।
गये गँवाई गरूर पति, धनु मिस हये महेस ॥५॥
सूर्यकुलके सूर्य ( श्रीराम ) को उदित देखकर उल्लुओंके समान (अभिमानी ) राजालोग अपना गर्व और सम्मान खोकर छिप गये । मानो शंकरजीने हो (अपने) धनुषके बहाने उन्हें नष्ट कर दिया ॥५॥
( प्रश्नका फल पराजयसुचक तथा निकृष्ट है । )
चारि चारु दसरथ कुँवर निरखि मुदित पुर लोग ।
कोसलेस मथिलेस को समउ सराहन जोग ॥६॥
महाराज दशरथके चारों सुन्दर कुमारोंको देखकर जनकपुरके लोग आनन्दित हो रहे हैं । महाराज दशरथ तथा महराज जनकका समय ( सौभाग्य ) प्रसंसा करने योग्य है ॥६॥
( प्रश्नका फल उत्तम है । )
एक बितान बिबाहि सब सुवन सुमंगल रूप ।
तुलसी सहित समाज सुख सुकृत सिंधु दोउ भूप ॥७॥
तुलसीदासजी कहते हैं-पुण्यके समुद्रस्वरूप दोनों नरेश ( दशरथजी और जनकजी ) एक ही मंडपके नीचे सुमंगलके मूर्तिमान रूप सभी ( चारों ) पुत्रोंका विवाह करके समाजके साथ सुखी हो रहे हैं ॥७॥
( विवाहदि मंगल-कार्यसंबधी प्रश्नका फल उत्तम है । )