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देव

   { deva(s), dēva }
Script: Devanagari

देव     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
DEVA(S)   Gods or deities.
1) General information.
From time immemorial belief in Devas has existed in every country and all religions have lauded their superior nature and power. It was the Hindus and the Buddhists who first applied the term ‘Deva’ to certain very subtle beings recognised in all religions. The Pārsi religion (Zaratuṣṭra) has spoken about seven Devarājans and their attendants. ‘Ameṣ pentas’ is the actual term used for the Devarāja. The Christian religion refers to nine sects of Devas like Srāfi, Kherubi, Dominion, Angel etc. Īslam refers to four chief Devas viz. Gabriel, the presiding Deva over revelations, Mikhayel of protection, Asriyal of death and Israfin of resurruction. An important section of the Ṛgveda is Sūktas about Devās like Indra, Mitra, Varuṇa, Agni etc. In Yajñas etc. Devas occupy a very important place. The Kenopaniṣad states that the conceited and haughty Devas were taught a lesson by God. The subject matter of the Kaṭhopaniṣad is the advice given by Yama to Naciketas. The Muṇḍakopaniṣad says that the Devas, man and birds originated from God. There are references about Deva worship in the Smṛtis. The Purāṇas and Upapu- rāṇas contain scientific discussions, about the origin, work or functions, classes, etc. of Devas. The Mantra- śāstra and Tantraśāstra deal also about the various sects and class of Devas, their nature, and the worship to be offered to them etc.
2) Christian Devas, Satan and devils.
Christian religious books commonly use the term Mālākhas for Devas. Greek mythology contains a story about the Mālākhas, who did not obey the orders of Jehovah and how He cursed them, turned them into devils and flung them into hell. And, in hell they organised a revolutionary party to fight Jehovah. Many leaders talked on the subject of how to take vengeance on Jehovah. It was nearabout this period that Jehovah created with the dust on earth Adam as his beloved son and settled him in the garden of Aden. God created from the ribs of Adam the woman called Eve, and they lived in Eden quite happily. Satan and other leaders in hell decided that the greatest revenge that could be taken upon Jehovah was to create troubles for his dear son, Adam in Eden. Accordingly Satan went to Eden and made Adam and Eve eat the forbidden fruit with the result that Jehovah cursed and turned them into human beings and turned them out of Eden. Milton in his reputed poem Paradise Lost has told the above story in inimitable language.
3) Indian Devas.
Most of the Indian Devas are the sons of Kaśyapa Prajāpati by Aditi, daughter of Dakṣa Prajāpati. The total number of Devas is 33 crores. The Devas are divided into many classes or sections like Ādityas, Viśvadevatas, Vasus, Tuṣitas, Ābhāsvaras, Anilas, Mahārājikas, Sādhyas, Rudras, Vidyādharas, Pitṛdevas etc. There are further divisions like Apsaras, Virūpākṣas, Bhadras, Gandharvas, Kuṁbhāṇḍas, Rākṣasas, Nāgas, Aśvinīs, Kinnaras, Kiṁpuruṣas, Piśācas, Guhyakas, Siddhas, Cāraṇas, Matṛs, Kūśmāṇḍas, Bhūtas, Vetālas, etc. Yet another division is into Lokapālas, Lipikas etc. The Devas are classified with special reference to bhūtagaṇas like Pṛthvī etc. and are, therefore, referred to as Bhūdevatās, Agnidevatās, Vāyudevatās, etc. The presiding spirit of Bhūdevatās is Kubera, that of the Jaladevatās is Varuṇa, that of the Agnidevatās, Vāyubhagavān and that of the Ākāśadevatas, Indra. And, under them there are various sets of Devas in charge of different departments. Sādhyas, Vasus, Ādityas, Apsaras etc. are Ākāśadevas, Maruttas and Gandharvas, Vāyudevas. Yakṣas and Yakṣīs are servants of Kubera. Virūpākṣa, Bhadra etc. are Bhūdevas. Virūpākṣa supports the earth according to the Vālmīki Purāṇa. Those who protect nidhis (treasures) may also be considered Bhūmidevas. There are 33 bosses or presiding spirits for the 33 crores of Devas. Dvādaśādityas
(12) Ekādaśarudras
(11) Aṣṭavasus
(8) and Aśvinīdevas
(2) are the 33 chiefs of Devas. Indra is the chief of all of them.
4) The term Deva.
The word Deva means light and also play. Devas shine forth, they are also playful. Thus the name is quite apt for them. (See Grāmadevatā).
Note: 1. Tasmācca devāḥ bahudhā samprasūtāḥ sādhyāḥ manuṣyāḥ paśavo vayāṁsaḥ.]

देव     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
See : देवता

देव     

देव n.  एक प्राचीन मानवज्ञातिसंघ । प्राचीन वैदिक एवं पौराणिक ग्रंथो में देव, असुर, राक्षस, पितर आदि ज्ञातिसंघो का, एवं इन ज्ञातियों के स्त्रीपुरुषों का निर्देश पुनः पुनः मिलता है । इन सारे ज्ञातिसंबंधों में, देव लोगो का ज्ञातिसंघ बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वाधिक प्रगत एवं बलिष्ठ प्रतीत होता है । आधुनिक काल में, पृथ्वी पर अनेक मानवजातियॉं रहती है । उसी प्रकार प्राचीन काल में, देव, असुर, गंधर्व, सर्प, नाग, गरुड, दानव, दैत्य, आदि अनेक मानवजातियॉं अस्तित्व में थी । इन जातियों के स्त्रीपुरुषों को, सर्वसामान्य मानवों जैसे, हर्षखेदादि विकार थे । उनके विवश हो कर उन्हें संतति पैदा होती थी । लडाई कर के वे आपस में झगडते भी थे । सर्वथैव मानुषि रुप धारण किये हुएँ, ऐसे बहुत सारे देव प्राचीन ग्रंथों में प्राप्त है । वैदिक ग्रंथो में से, अग्नि, इंद्र, मित्र, वरुण आदि देवों का चरित्रचित्रण इसी मानुषि आकृति से मिलता-जुलता है। पुराणों में से, राम, कृष्ण, शिव, विष्णु आदि देवों का व्यक्तिचित्रण भी मानुषि ढंग का ही है । निरुक्त में द्यु, अंतरिक्ष एवं, पृथ्वी, ये तीन प्रदेश देवों का निवासस्थान बताये गये हैं । इससे जाहीर है कि, कई देव पृथ्वी पर कई अंतरिक्ष में, एवं कई द्युलोक में रहते थे । देवो मे सें अष्ट वसु पृथ्वी पर, ग्यारह रुद्र अंतरिक्ष में, एवं बारह आदित्य द्युलोक में रहते थे । हिंदु श्राधविधि में, वसु, रुद्र, एवं आदित्य इन तीन देवताओं को पिता, पितामह एवं प्रपितामह मान कर उन्हें तर्पण किया जाता है । मनुष्यों में से अनेक पुरुष देवज्ञाति सें प्रवेश पा सकते थे । जो पहले मनुष्य थे, किंतु पश्चात् देव हो गये, ऐसे ऋभु आदि व्यक्तिओं का निर्देश वैदिक ग्रंथों में प्राप्त है। अश्विनीकुमार भी पहले मनुष्य ही थें, किंतु बाद में वे देव हो कर, उन्हें यज्ञ की आहुति प्राप्त होने लगी । काशिराज धन्वन्तरि भी पहले मनुष्य थे, किंतु पश्चात् पंचमहायज्ञ के वैश्वदेव में उन्हें देव के नाते प्रवेश प्राप्त हुआ । रामकृष्ण आदि अवतारी पुरुष भी पहले मनुष्य ही थे । देवों के शासकवर्ग में, इंद्र, सप्तर्षि आदि लोग प्रमुख थे । इंद्रादि देवों के वर्णन से पता चलता है कि, वे भी पहले पराक्रमी मानव ही थे । अपने अतुल पराक्रम के कारण वे देव हो गये । पृथ्वी पर से सर्वाधिक पराक्रमी व्यक्ति को केवल देवत्त्व ही नही, इंद्रपद भी प्राप्त हो सकता था । प्रत्येक मनु के इंद्र एवं सप्तर्षि अलग रहते थे । इंद्रपद के प्राप्त के लिये प्राचीन काल में कितने झगडे हुआ करते थे, एवं इंद्र के अश्वमेध यज्ञ का अश्व उडाने के कितने प्रयत्न अन्य राजाओं से होते थे, इसका साद्यंत इतिहास पुराणों में दिया गया है । जन्म से मनुष्य हो कर, इंद्रपद प्राप्त करनेवाले प्राचीन राजाओं में रजि, रजिपुत्र एवं नहुष, ये प्रमुख है । असुरों में से, प्रल्हाद, बलि, हिरण्यकशिपु ये राजा इंद्रपद प्राप्त करने में कामयाब हुएँ थे । मनुष्य वंश के राजाओं में ‘राजसूय यज्ञ’ किया जाता था, उसी प्रकार देवज्ञाति के राजा भी चक्रवर्तिपद दर्शानेवाला वह यज्ञ करते थे । इसे यज्ञ करनेवाला मनुष्य एवं देवज्ञाति के राजा क्रमशः ‘मनुष्यराजन्’ एवं ‘देवराजन्’ इन उपाधिओं से विभूषित किये जाते थे । प्राचीन चक्रवर्ति राजाओं में से, दिवोदास, वध्यरयश्व, वीतहव्य आदि सम्राट ‘मनुष्यराजन्’ थे, एवं सिंधुक्षित, दीर्घश्रवस्, पृथु, कक्षीवत् आदि सम्राट्‌ ‘देवराजन‍’ थे [तां.ब्रा.१८.१०.५] । देव. असुर, एवं मनुष्य ज्ञातियों में आपस में विवाह होते थे । पुराणोम में प्रसिद्ध, ‘कच देवयानी’ प्रणय में, कच देवों के पुरोहित बृहस्पति का पुत्र था, एवं देवयानी असुरों के पुरोहित शुक्र की कन्या थी । अन्त में, देवयानी का विवाह सोमवंशी क्षत्रिय नृप ययाति से हुआ । ययाति की द्वितीय पत्नी एवं देवयानी की सौत शर्मिष्ठा, असुर राजा वृषपर्वन् की कन्या थी । ऋषि के पुत्र देवज्ञाति मे प्रविष्ट होने के कई उदाहरण भी प्राप्त हैं । ऋषि को पौलोमी नामक पत्नी से भुवन भौवन आदि बारह पुत्र हुएँ । ये भृगुपुत्र ‘भृगुदेव’ नाम से प्रसिद्ध हो गये [मत्स्य.१९.५.१२-१४] । देव एवं असुरों के संग्राम की कथाएँ वेदकाल से पौराणिक काल तक अप्रतिहत रुप में प्राप्त होती है । इन संग्रामों में देवों द्वारा । किये गये बारह निम्नलिखित संग्रामों में देवों द्वारा किये गये बारह निम्नलिखित संग्राम विशेष तौर पर उल्लेखनीय हैः--(१)नारसिंह-हिरण्यकशिपुहनन, (२) वामन-बलिबंधन, (३) वराह-हिरण्याक्षहनन,समुद्रद्वैधीकरण, (४)अमृतमंथन-इंद्र एवं प्रह्राद का युद्ध, प्रह्रादपराजय, (५) तारकामय-इंद्र द्वारा प्रह्रादपुत्र विरोचन का वध, (६) आडिवक-इंद्र एवं आडिवक्र का युद्ध (७) त्रैपुर-शंकर एवं त्रिपुर का युद्ध (८) अंधक
देव II. n.  एक व्यास (व्यास देखिये) ।

देव     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  सृश्टीचो स्वामी अशी धर्मग्रंथांनी मानून घेतिल्ली सर्वशक्तीमान सत्ता   Ex. देव सर्वव्यापी आसता / देव आमचो सगल्यांचो राखणदार
HYPONYMY:
ब्रह्म अल्ला कृष्ण जुपिटर हरिहर नरसिंह साळिग्राम
ONTOLOGY:
ज्ञान (Cognition)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
परमेश्वर ईश्वर भगवान रचणार सर्वेश्वर सर्वेस्पर
Wordnet:
asmভগৱান
bdइसोर
benঈশ্বর
gujઈશ્વર
hinईश्वर
kanಪ್ರಧಾನ ಆತ್ಮ
kasخداے , اللہ تعالیٰ , رَب , آغہٕ , رۄبُ العزت , مولا
malദൈവം
marदेव
mniꯂꯥꯏ
nepईश्वर
oriସର୍ବବ୍ୟାପୀ
panਈਸ਼ਵਰ
sanईश्वरः
tamகடவுள்
telదేవుడు
urdخدا , اللہ , آقا , مالک , مختارکل , سردار , حاکم , بادشاہ , داتا
noun  जांकां पुजेक फावोशे मानतात ते सर्गांत बी रावपी अमर लोक   Ex. ह्या देवळांत चडश्या दैवतांच्यो मुर्ती स्थापिल्ल्यो आसात/ तो देवाक खूब मानता
HOLO MEMBER COLLECTION:
देवगण
HYPONYMY:
कामदेव हनुमान शंकर विष्णू ब्रह्मा इंद्र यम श्रीराम सूर्यदेव कुबेर शनी अनिरुद्ध भूव विश्वकर्मा अरूण पारसी देवी कुळदेव गणेश कार्तिकेय बृहस्पती वरूण धन्वंतरी दिक्पाल अश्विनीकुमार ग्रामदेव सोमदेव किन्नर यक्ष सिद्ध अग्निदेव चंद्रदेव पवनदेव प्लुटो हेडीस अचल आदित्य नैरृत अनुत्तरीत अपदेव तडित्कुमार ज्यूस आजानदेव वसू हयग्रीव वितराग सावित्र असुरकुमार रुद्र आतिवाहीक आनत भद्र पंचदेव पुरूरवा विश्वदेव ओलंपिक देवता कली देवाधीदेव
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
देवता दैवत
Wordnet:
asmদেৱতা
bdहौवा मोदाय
benদেবতা
gujદેવતા
hinदेवता
kanದೇವತೆ
kasخۄداے , اللہ تعلیٰ , رۄب , دٔے , دیوتا
malദേവത്വം
marदेव
mniꯎꯃꯪꯂꯥꯏ
nepदेवता
oriଦେବତା
panਦੇਵਤਾ
sanदेवः
tamஇறைவன்
telదేవుడు
urdدیوتا , دیو , لاثانی , بےمثل
noun  आपल्या बरेपणां खातीर दुसर्‍यांक देवा भशेन दिसता अशी व्यक्ती   Ex. गांधीजी म्हजे खातीर देव
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
इश्वर परमेश्वर
Wordnet:
asmভাগবান
benভগবান
gujભગવાન
kanದೇವರು
kasخَداے , بگوان ,
panਭਗਵਾਨ
sanभगवान्
tamகடவுள்
telభగవంతుడు
urdبھگوان , ایشور
noun  तीन प्रकारांतल्या उज्यांतलो एक जो हवन बी हाच्या खातीर आसता   Ex. देवाक आवाहन(उलो मारून) करून यज्ञाक सुरवात केली
ONTOLOGY:
प्राकृतिक वस्तु (Natural Object)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benআবহনীয়
hinआहवनीय
marआहवनीय
oriଆହବନୀୟ ଅଗ୍ନି
sanआहवनीयः
urdآہوَنِی یَا
noun  चडूच पुजपा सारकी वस्तू   Ex. आयज पयसोच देव जाला
ONTOLOGY:
वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
noun  विधीपुर्वक प्रतिश्ठीत फातर, धातू बी हांची मुर्ती   Ex. देवाक नेवेद्य दाखयात
ONTOLOGY:
मानवकृति (Artifact)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
kanಭಗವಂತ

देव     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
Neither for God nor for religion; or neither in worship nor in charity or love; i. e. not to any good purpose--money expended, labor undergone.

देव     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  A deity or god. Pr.
मानला तर देव नाहीं तर धोंडा   An idol.
देव देव करता   Through many supplications and prayers; or generally, through many efforts or much exertion, give over unto God; to commit or resign into the Lord's hands.
देवासारखा बसणें   (To sit as the idol.) To sit still and mute.
न देवाय न धर्माय   Neither for God nor for religion; i.e. not to any good purpose.

देव     

ना.  ईश्वर , जगन्नियंता , परमात्मा , सृष्टिकर्ता ;
ना.  देवबप्पा , देवाची मूर्ती .

देव     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  निसर्गावर सत्ता असणारी आणि त्याचे व्यवहार नियंत्रित करणारी धर्मग्रंथांद्वारे मान्य अशी सर्वोच्च सत्ता   Ex. ईश्वर सर्वव्यापी आहे./देव सगळ्यांचे रक्षण करतो.
HYPONYMY:
अल्लाह ब्रह्म श्रीकृष्ण नरसिंह शालिग्राम जुपिटर हरिशंकर
ONTOLOGY:
ज्ञान (Cognition)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
ईश्वर परमेश्वर प्रभू भगवंत ईश परमात्मा बाप्पा भगवान दैवत
Wordnet:
asmভগৱান
bdइसोर
benঈশ্বর
gujઈશ્વર
hinईश्वर
kanಪ್ರಧಾನ ಆತ್ಮ
kasخداے , اللہ تعالیٰ , رَب , آغہٕ , رۄبُ العزت , مولا
kokदेव
malദൈവം
mniꯂꯥꯏ
nepईश्वर
oriସର୍ବବ୍ୟାପୀ
panਈਸ਼ਵਰ
sanईश्वरः
tamகடவுள்
telదేవుడు
urdخدا , اللہ , آقا , مالک , مختارکل , سردار , حاکم , بادشاہ , داتا
noun  स्वर्गात राहणारे इंद्रादी दिव्य पुरुष   Ex. देवांनी आपल्या रक्षणासाठी शिवाची आळवणी केली
HOLO MEMBER COLLECTION:
देवगण देवीदेवता
HYPONYMY:
अनिरुद्ध मदन हनुमान शिव विष्णू ब्रह्मा विश्वकर्मा इंद्र अरुण कुलदेवता गणपती स्कंद बृहस्पती वरुण ग्रामदैवत यमधर्म कुबेर किन्नर यक्ष राम धन्वंतरी देवाधिदेव असुरकुमार कली दिक्पाल अश्विनी कुमार वसू सूर्य चंद्र शनी अचल सोमदेव अग्निदेव हयग्रीव पारसी देवता भुव पुरूरवा विश्वदेव आनत सावित्र सिद्ध नैऋत अपदेवता तडित्कुमार तोष पवनदेव प्लूटो हेडीस आदित्य ज्यूस वीतराग ऑलंपिक देव रुद्र पंचदेव आजानदेव अनुत्तरीत भद्र रोचन
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
देवता सुर
Wordnet:
asmদেৱতা
bdहौवा मोदाय
benদেবতা
gujદેવતા
hinदेवता
kanದೇವತೆ
kasخۄداے , اللہ تعلیٰ , رۄب , دٔے , دیوتا
kokदेव
malദേവത്വം
mniꯎꯃꯪꯂꯥꯏ
nepदेवता
oriଦେବତା
panਦੇਵਤਾ
sanदेवः
tamஇறைவன்
telదేవుడు
urdدیوتا , دیو , لاثانی , بےمثل
noun  विधिपूर्वक प्रतिष्ठापना केलेली दगड, धातू इत्यादिकांची देवाची मूर्ती   Ex. देवापुढे नैवेद्य ठेव.
HYPONYMY:
गौरीहर
ONTOLOGY:
मानवकृति (Artifact)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
kanಭಗವಂತ
noun  जो इतरांना देवासमान वाटतो तो   Ex. माझ्याकरिता तू देव आहेस.
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
भगवान ईश्वर परमेश्वर
Wordnet:
asmভাগবান
benভগবান
gujભગવાન
kanದೇವರು
kasخَداے , بگوان ,
kokदेव
panਭਗਵਾਨ
sanभगवान्
tamகடவுள்
telభగవంతుడు
urdبھگوان , ایشور
See : दैवत

देव     

 स्त्री. देणे घेणे ; सावकारी ; पैशाचा व्यवहार . [ देणे + घेणे ]
 पु. १ ईश्वर ; देवता . २ परब्रह्म ; परमेश्वर ; आदितत्त्व ; शिव ; जगन्नियंता . ३ मूर्ति ; लांकूड दगड , धातु इ० कांची मूर्ति ; जीत विधिपूर्वक देवत्वाची प्रतिष्ठापना केलेली असते अशी मूर्ति . ४ स्वर्गात राहणारे इंद्रादि दिव्य पुरुष . ५ ( नाटक , काव्य ) राजा ; श्रेष्ठ . तो सहदेवहि देवा ! येतां त्वसूनुच्या कृपाणाते । क्षितीवरि पाडी ... - मोकर्ण १४ . २८ . ६ यक्ष , किन्नर इ० उपदेव . अंगांत येणारे वारे . [ सं . दिव = प्रकाशणे ; झें . दीव , दएव = देव ; ग्री . झ्यूस , थिऑस ; लॅ . जोव्हिस ; प्रा . आइस्लंडिक . तीवर = देव ; प्रा . ज . झिओ ; लिथु . देवस ; स्ला . दीना = दिवस ] ( वाप्र . )
०देव   - क्रिवि . पुष्कळ प्रयत्न , हांजीहांजी , प्रार्थना करुन .
०देव   - क्रिवि . पुष्कळ प्रयत्न , हांजीहांजी , प्रार्थना करुन .
करितां   - क्रिवि . पुष्कळ प्रयत्न , हांजीहांजी , प्रार्थना करुन .
करितां   - क्रिवि . पुष्कळ प्रयत्न , हांजीहांजी , प्रार्थना करुन .
०दिसणे   ( व . ) हाल होणे . बायको मेल्यावर देव दिसतील .
०दिसणे   ( व . ) हाल होणे . बायको मेल्यावर देव दिसतील .
०देव्हार्‍यांत   - मालक ( मन ) ठिकाणावर नसणे .
०देव्हार्‍यांत   - मालक ( मन ) ठिकाणावर नसणे .
नसणे   - मालक ( मन ) ठिकाणावर नसणे .
०नवसाला   - इच्छित फल मिळणे . भूप म्हणे कर्णा हा जरि अर्जुन देव पावला नवसा । - मोविराट ३ . ८८ .
०नवसाला   - इच्छित फल मिळणे . भूप म्हणे कर्णा हा जरि अर्जुन देव पावला नवसा । - मोविराट ३ . ८८ .
पावणे   - इच्छित फल मिळणे . भूप म्हणे कर्णा हा जरि अर्जुन देव पावला नवसा । - मोविराट ३ . ८८ .
पावणे   - इच्छित फल मिळणे . भूप म्हणे कर्णा हा जरि अर्जुन देव पावला नवसा । - मोविराट ३ . ८८ .
०पावणे   मनाजोगी गोष्ट घडणे .
०पावणे   मनाजोगी गोष्ट घडणे .
०बाप्पा   - ( बालभाषा ) नमस्कार घालणे . तो देवबाप्पा कर म्हणाला त्याबरोबर तिने हात जोडून नमस्कार केला . - सुदे ५ .
०बाप्पा   - ( बालभाषा ) नमस्कार घालणे . तो देवबाप्पा कर म्हणाला त्याबरोबर तिने हात जोडून नमस्कार केला . - सुदे ५ .
करणे   - ( बालभाषा ) नमस्कार घालणे . तो देवबाप्पा कर म्हणाला त्याबरोबर तिने हात जोडून नमस्कार केला . - सुदे ५ .
करणे   - ( बालभाषा ) नमस्कार घालणे . तो देवबाप्पा कर म्हणाला त्याबरोबर तिने हात जोडून नमस्कार केला . - सुदे ५ .
०होऊ लागणे   - अरेराव , दंडेल होऊं लागणे , होणे . वरचढपणा गाजविणे . देवाकडे जाणे - मरणे . देवाचे नांव घेणे - कार्याला प्रारंभ करणे . देवाची आण , देवाचे आण , देवाचेण - स्त्री . देवाची शपथ . देवाच्यान - देवाची आण , शपथ . देवाने डावा देणे - नकार मिळणे ( उजवी = रुकार ); मनांत कांही हेतु धरुन मूर्तीच्या डाव्या - उजव्या अंगास फुले किंवा अक्षता चिकटवितात . त्या वरील प्रमाणे पडल्या असतांना समजावयाचा प्रकार . देवाने भरणे , धरणे - भरणे पहा . देवाने मारणे - देवाची अवकृपा होणे . देवावरची तुळस , फूल , बेल काढणे , उचलणे - १ देवावरील निर्माल्य काढणे . २ शपथ घेण्याचा एक प्रकार . देवावर हवाला घालणे - देणे - देवावर विश्वास टाकणे , भरवंसा ठेवणे ; सर्वस्वी अवलंबून असणे . देवावर हात ठेवणे - शपथ घेणे . देवाशी बसविणे - ( गो . ) अंगांत वारे , देव आणण्यास सांगणे . देवास - ला करणे - देवाची करणी . देवाची इच्छा याअर्थी एखादे अघटित कार्य घडून आले असतां तोंडातून निघणारा उद्गार . देवास पेंचणे - शत्रूवर संकट आणण्यासाठी देवाला बांधणे . देवासारखा बसणे - चुपचाप बसणे . देवाय धर्माय - कोणत्याच चांगल्या कार्याकरितां ( पैसा , श्रम ) उपयोगी न पडणे . देवास शिताळ देणे - देवाला स्नान घालणे . म्ह ०मानला तर देव नाहीतर धोंडा . २ ( बायकी ) देव नाही देव्हारी , धुपाटाणेवाल उडी मारी . ३ देव देतो आन कर्म नेतं . ४ देवाचे नांव आणि आपला गांव = दुसर्‍याच्या नावांवर स्वतःचा फायदा करणे . सामाशब्द -
०ऋण  न. देवाचे कर्ज . हे यज्ञयागादिकांनी फेडतात व त्यामुळे मनुष्यास सुखप्राप्ति होते . याप्रमाणे दुसरी ऋषिऋण व पितृऋण ही अनुक्रमे अध्ययन व तर्पण यांनी फेडावयाची असतात .
०ऋण  न. देवाचे कर्ज . हे यज्ञयागादिकांनी फेडतात व त्यामुळे मनुष्यास सुखप्राप्ति होते . याप्रमाणे दुसरी ऋषिऋण व पितृऋण ही अनुक्रमे अध्ययन व तर्पण यांनी फेडावयाची असतात .
०ऋषि  पु. देवर्षि ; नारद . [ अप . ]
०ऋषि  पु. देवर्षि ; नारद . [ अप . ]
०कला   ळा स्त्री . मूर्तीची प्राणप्रतिष्ठा झाल्यानंतर तीत येणारे तेज , वैभव , शक्ति इ० देवासारखे ओज , कांति . [ सं . ] म्ह ० टाकीचे घाव सोसावे तेव्हा देवकळा पावावी .
०कला   ळा स्त्री . मूर्तीची प्राणप्रतिष्ठा झाल्यानंतर तीत येणारे तेज , वैभव , शक्ति इ० देवासारखे ओज , कांति . [ सं . ] म्ह ० टाकीचे घाव सोसावे तेव्हा देवकळा पावावी .
०कांचन  न. कांचन फूलझाडांतील एक जात किंवा त्याचे फूल .
०कांचन  न. कांचन फूलझाडांतील एक जात किंवा त्याचे फूल .
०कापशी   कापशीण स्त्री . कापसाच्या झाडांतील एक प्रकार . याचे फूल जांभळे असते . याच्या कापसास देवकापूस म्हणतात . याच्या बोंडात वेणीसारखी एक मोठी बी असते . - कृषि ३८३ .
०कापशी   कापशीण स्त्री . कापसाच्या झाडांतील एक प्रकार . याचे फूल जांभळे असते . याच्या कापसास देवकापूस म्हणतात . याच्या बोंडात वेणीसारखी एक मोठी बी असते . - कृषि ३८३ .
०कार्य  न. १ देवाची पूजा . २ कुळधर्मानुसार कुळदेवतेची पूजा , अनुष्ठान , जेवण इ
०कार्य  न. १ देवाची पूजा . २ कुळधर्मानुसार कुळदेवतेची पूजा , अनुष्ठान , जेवण इ
०देवकी  स्त्री. देवस्की पहा . - वि . देव किंवापिशाच्च यांच्यापासून घडणारी पीडा , बाधा , उपद्रव , भाकीत , शकुन इ
०देवकी  स्त्री. देवस्की पहा . - वि . देव किंवापिशाच्च यांच्यापासून घडणारी पीडा , बाधा , उपद्रव , भाकीत , शकुन इ
०देवकी   - पुअव . देव पिशाच्च यांचा चमत्कार . याच्या उलट ( किंवा याला जोडून ) राजकी . अस्मानीसुलतानी याप्रमाणे .
०देवकी   - पुअव . देव पिशाच्च यांचा चमत्कार . याच्या उलट ( किंवा याला जोडून ) राजकी . अस्मानीसुलतानी याप्रमाणे .
चमत्कार   - पुअव . देव पिशाच्च यांचा चमत्कार . याच्या उलट ( किंवा याला जोडून ) राजकी . अस्मानीसुलतानी याप्रमाणे .
चमत्कार   - पुअव . देव पिशाच्च यांचा चमत्कार . याच्या उलट ( किंवा याला जोडून ) राजकी . अस्मानीसुलतानी याप्रमाणे .
०कुंडी  स्त्री. ( व . ) लग्नाचे अगोदरचे दिवशी बोहल्याच्या जवळ शास्त्रोक्त रीतीने ठेवावयाची मडकी .
०कुंडी  स्त्री. ( व . ) लग्नाचे अगोदरचे दिवशी बोहल्याच्या जवळ शास्त्रोक्त रीतीने ठेवावयाची मडकी .
०कुंभा  पु. ( कों . ) कुंभा किंवा दुधाणी नांवाचे फूलझाड . कृति कृत्य स्त्रीन . १ ईश्वरी करणी ; दैविक घटना . २ धार्मिक कृत्य , विधि .
०कुंभा  पु. ( कों . ) कुंभा किंवा दुधाणी नांवाचे फूलझाड . कृति कृत्य स्त्रीन . १ ईश्वरी करणी ; दैविक घटना . २ धार्मिक कृत्य , विधि .
०केळी  स्त्री. सामान्य कर्दळी नांवाचे फूलझाड .
०केळी  स्त्री. सामान्य कर्दळी नांवाचे फूलझाड .
०खर्च  पु. देवपूजेचा खर्च किंवा या खर्चाकरिता बसविलेला कर .
०खर्च  पु. देवपूजेचा खर्च किंवा या खर्चाकरिता बसविलेला कर .
०खळ   अव . ( ना . ) ( तिरस्कारार्थी ) घरांतील देवाच्या मूर्ती .
०खळ   अव . ( ना . ) ( तिरस्कारार्थी ) घरांतील देवाच्या मूर्ती .
०खोली  स्त्री. देवघर .
०खोली  स्त्री. देवघर .
०गण  पु. जन्मअनक्षत्रावरुन मनुष्याचे देव , मनुष्यगण पहा .
०गण  पु. जन्मअनक्षत्रावरुन मनुष्याचे देव , मनुष्यगण पहा .
०गणपत  न. ( सोंगट्यांचा खेळ ) देवाला द्यावया़चा पहिला हात , दान .
०गणपत  न. ( सोंगट्यांचा खेळ ) देवाला द्यावया़चा पहिला हात , दान .
०गत   ति स्त्री . १ नशीबाचा फेरा ; दैवयोगाने प्राप्त होणारी दशा , स्थिति . २ ( ल . ) मृत्यु . ३ ( गो . ) विटाळशी असतांना मेलेल्या स्त्रीचे पिशाच्च . - वि . दैवी ( कृत्य , नाश इ० ).
०गत   ति स्त्री . १ नशीबाचा फेरा ; दैवयोगाने प्राप्त होणारी दशा , स्थिति . २ ( ल . ) मृत्यु . ३ ( गो . ) विटाळशी असतांना मेलेल्या स्त्रीचे पिशाच्च . - वि . दैवी ( कृत्य , नाश इ० ).
०गाय  स्त्री. मखमली किडा ; गोसाई . मृगाच्या पावसांत यांची उत्पत्ति होते .
०गाय  स्त्री. मखमली किडा ; गोसाई . मृगाच्या पावसांत यांची उत्पत्ति होते .
०गांधार  पु. ३एक राग . यांत षड्ज , तीव्र ऋषभ , कोमल गांधार , कोमल मध्यम , पंचम , कोमल धैवत , कोमल निषाद हे स्वर लागतात . आरोहांत ऋषभ व धैवत वर्ज्य . जाति औडव - संपूर्ण . वादि षड्ज , संवादी पंचम . वेळ दिवसाचा दुसरा प्रहर .
०गांधार  पु. ३एक राग . यांत षड्ज , तीव्र ऋषभ , कोमल गांधार , कोमल मध्यम , पंचम , कोमल धैवत , कोमल निषाद हे स्वर लागतात . आरोहांत ऋषभ व धैवत वर्ज्य . जाति औडव - संपूर्ण . वादि षड्ज , संवादी पंचम . वेळ दिवसाचा दुसरा प्रहर .
०गिरी  पु. १ एक राग यांत षड्ज , तीव्र ऋषभ , तीव्र गांधार , कोमल मध्यम , पंचम , तीव्र धैवत , तीव्र निषाद हे स्वर लागतात . जाति संपूर्ण - संपूर्ण . वादी षड्ज . संवादी पंचम , गानसमय दिवसाचा पहिला प्रहर . हा बिलावल रागाचा एक प्रकार आहे . २ दौलताबादचे जुने नांव .
०गुरु  पु. बृहस्पति .
०गुरु  पु. बृहस्पति .
०गृह   घर न . १ देव ठेवण्याची खोली . २ मंदिर .
०गृह   घर न . १ देव ठेवण्याची खोली . २ मंदिर .
०घाई  स्त्री. देवापुढे ढोल वाजविण्याची विशिष्ट गति , प्रकार . घाट पु . देवळास जाण्यासाठी बांधलेली वाट - रस्ता .
०घाई  स्त्री. देवापुढे ढोल वाजविण्याची विशिष्ट गति , प्रकार . घाट पु . देवळास जाण्यासाठी बांधलेली वाट - रस्ता .
०चार  पु. ग्रामदेवीचे दूतरुपी पिशाच्च ; पिशाच्चगण . [ देव + चार = देवाप्सरस ]
०चार  पु. ग्रामदेवीचे दूतरुपी पिशाच्च ; पिशाच्चगण . [ देव + चार = देवाप्सरस ]
०जन  पु. देवळांतील चाकरनोकर .
०जन  पु. देवळांतील चाकरनोकर .
०जी   जी धसाडा पु . १ माकडाच्या खेळांतील पुरुषाचे कपडे घातलेला माकड . यांतील माकडीणीला रत्नी म्हणतात . २ ( ल . ) अडाणी , कुरुप माणूस ; विद्रूप मनुष्य . म्ह ० ( व . ) देवजीधजाड्या पुजाइ पाद्री - नवरा हाण . मार करणारा व बायको गरीब असे जोडपे .
०जी   जी धसाडा पु . १ माकडाच्या खेळांतील पुरुषाचे कपडे घातलेला माकड . यांतील माकडीणीला रत्नी म्हणतात . २ ( ल . ) अडाणी , कुरुप माणूस ; विद्रूप मनुष्य . म्ह ० ( व . ) देवजीधजाड्या पुजाइ पाद्री - नवरा हाण . मार करणारा व बायको गरीब असे जोडपे .
०झाड  न. ( कों . ) दीवाने किंवा पिशाच्चाने झपाटलेला मनुष्य .
०झाड  न. ( कों . ) दीवाने किंवा पिशाच्चाने झपाटलेला मनुष्य .
०ठिके  न. गांवाच्या सीमांचा तंटा देवापुढे दिव्य करुन तोडल्यामुळे महाराला ( इनाम ) मिळालेली बिन सार्‍याची जमीन .
०ठिके  न. गांवाच्या सीमांचा तंटा देवापुढे दिव्य करुन तोडल्यामुळे महाराला ( इनाम ) मिळालेली बिन सार्‍याची जमीन .
०डांगर  पु. काळा भोपळा ; चाकी . हे फळ दुध्या , मुगा अथवा मुगवा , काशीफळ यांच्याहून निराळे आहे .
०डांगर  पु. काळा भोपळा ; चाकी . हे फळ दुध्या , मुगा अथवा मुगवा , काशीफळ यांच्याहून निराळे आहे .
०डांगरी  स्त्री. देवडांगराचा वेल . २ घोसाळीचा वेल . ३ देवताड .
०डांगरी  स्त्री. देवडांगराचा वेल . २ घोसाळीचा वेल . ३ देवताड .
०त  न. १ देव . २ ( ल . ) लाडका ; आवडता . [ सं . दैवत ]
०त  न. १ देव . २ ( ल . ) लाडका ; आवडता . [ सं . दैवत ]
०तरु  पु. १ पिंपळ , मंदार , पारिजातक , संतान , कल्पवृक्ष , हरिचंदन यांना उद्देशून लावतात . २ जुने व पवित्र असे कोणतेहि झाड .
०तरु  पु. १ पिंपळ , मंदार , पारिजातक , संतान , कल्पवृक्ष , हरिचंदन यांना उद्देशून लावतात . २ जुने व पवित्र असे कोणतेहि झाड .
०तवार  पु. ( रा . ) कुळदेवतेच्या पूजेचा दिवस . [ दे + सं . तिथिवार - त्योहार - तेहवार - तवार ]
०तवार  पु. ( रा . ) कुळदेवतेच्या पूजेचा दिवस . [ दे + सं . तिथिवार - त्योहार - तेहवार - तवार ]
०ताळा वि.  फाजील कर्मठ ; देवदेव करणारा .
०ताळा वि.  फाजील कर्मठ ; देवदेव करणारा .
०ताळे  न. फाजील कर्मठपणा .
०ताळे  न. फाजील कर्मठपणा .
०तीर्थ  न. तीर्थ पहा .
०तीर्थ  न. तीर्थ पहा .
०त्तर   त्रा स्व न . ( कायदा ) देवाला दिलेली मिळकत , देणगी .
०त्तर   त्रा स्व न . ( कायदा ) देवाला दिलेली मिळकत , देणगी .
०त्रयी  स्त्री. ब्रह्मा , विष्णु , महेश . जयाते देवत्रयी कही नायके । - ज्ञा ११ . १४७ . त्व न . देवपण ; देवाची स्थिति ; अवस्था .
०त्रयी  स्त्री. ब्रह्मा , विष्णु , महेश . जयाते देवत्रयी कही नायके । - ज्ञा ११ . १४७ . त्व न . देवपण ; देवाची स्थिति ; अवस्था .
०दत्त  पु. १ पांच उपप्राणांपैकी एक . ज्याकरितां जांभया येती । तो म्हणावा देवदत्त । - यथादि १८ . १००४ . २ अर्जुनाचा शंख . जातां कुरुकटकावरि वाजविला दिव्य देवदत्त दर । - मोविराट ४ . २ . ३ एक विशेषनाम ; बुद्दाचा मेहुणा . - वि . १ देवाने दिलेले . २ कोणीएक ; कोणी तरी उदाहरणार्थ घेतलेली व्यक्ति . देवदत्त लठ्ठ ....... दिवसा खात नाही .
०दत्त  पु. १ पांच उपप्राणांपैकी एक . ज्याकरितां जांभया येती । तो म्हणावा देवदत्त । - यथादि १८ . १००४ . २ अर्जुनाचा शंख . जातां कुरुकटकावरि वाजविला दिव्य देवदत्त दर । - मोविराट ४ . २ . ३ एक विशेषनाम ; बुद्दाचा मेहुणा . - वि . १ देवाने दिलेले . २ कोणीएक ; कोणी तरी उदाहरणार्थ घेतलेली व्यक्ति . देवदत्त लठ्ठ ....... दिवसा खात नाही .
०दया  स्त्री. १ परमेश्वरी कृपा . २ ( ल . ) देवाच्या देयेने प्राप्त झालेली संपत्ति ; गुरेढोरे ; मालमत्ता , मुलेबाळे इ० .
०दया  स्त्री. १ परमेश्वरी कृपा . २ ( ल . ) देवाच्या देयेने प्राप्त झालेली संपत्ति ; गुरेढोरे ; मालमत्ता , मुलेबाळे इ० .
०दरबार  न. १ देऊळ . २ सभामंडप . याच्या उलट राजदरबार . देवदरबारी खोटं बोलू नये .
०दरबार  न. १ देऊळ . २ सभामंडप . याच्या उलट राजदरबार . देवदरबारी खोटं बोलू नये .
०दर्शन  न. देवाचे दर्शन . २ विवाहानंतर सपत्नीक देवाच्या भेटीस जाणे ; लग्नानंतरची ओव्हर - वधूवरयात्रा .
०दर्शन  न. देवाचे दर्शन . २ विवाहानंतर सपत्नीक देवाच्या भेटीस जाणे ; लग्नानंतरची ओव्हर - वधूवरयात्रा .
०दार   दारु पु . हिमालय इ० ठिकाणी उत्पन्न होणारा वृक्ष . हा फार उंच व दिसण्यांत सुंदर असतो . हा शे - दोनशे वर्षे वांचतो . जसजसे हे वृक्ष जुन होतात तसतसे बळकट होऊन उपयुक्त होतात . याचे इमारतीलांकूड होते . यापासून टर्पिनतेल काढतात . लाल , तेल्या , काष्ट इ० याचे प्रकार आहेत .
०दारी वि.  देवदाराच्या लांकडाचे केलेले ; देवदारसंबंधी .
०दारी वि.  देवदाराच्या लांकडाचे केलेले ; देवदारसंबंधी .
०दाली  स्त्री. देवडांगरी .
०दाली  स्त्री. देवडांगरी .
०दासी  स्त्री. मुरळी ; भावीण ; दक्षिणेत देवास वाहिलेली कुमारिका असा अर्थ रुढ आहे . हिचा धंदा देवाची सेवा व नृत्यगायन करणे .
०दासी  स्त्री. मुरळी ; भावीण ; दक्षिणेत देवास वाहिलेली कुमारिका असा अर्थ रुढ आहे . हिचा धंदा देवाची सेवा व नृत्यगायन करणे .
०दूत  पु. ( ख्रि . ) १ देवाचा दूत - निरोप्या जासूद . २ देवाची सेवा करुन त्याचा हुकूम बजावणारा स्वर्गीय बुद्धिविशिष्ट आत्मा ; ( इं . ) एंजल याचा पर्याय . जेव्हा मनुष्याचा पुत्र आपल्या वैभवाने येईल व त्याजबरोबर सर्व देवदूत येतील तेव्हा तो आपल्या वैभवी राजासनावर बसेल . - मत्त २५ . ३१ .
०दूत  पु. ( ख्रि . ) १ देवाचा दूत - निरोप्या जासूद . २ देवाची सेवा करुन त्याचा हुकूम बजावणारा स्वर्गीय बुद्धिविशिष्ट आत्मा ; ( इं . ) एंजल याचा पर्याय . जेव्हा मनुष्याचा पुत्र आपल्या वैभवाने येईल व त्याजबरोबर सर्व देवदूत येतील तेव्हा तो आपल्या वैभवी राजासनावर बसेल . - मत्त २५ . ३१ .
०देव  पु. १ देवपूजा ; धार्मिक विधि , आचार किंवा पूजाअर्चा . ( क्रि० करणे ). २ देवांचा देव ; विष्णु . महादेव .
०देव  पु. १ देवपूजा ; धार्मिक विधि , आचार किंवा पूजाअर्चा . ( क्रि० करणे ). २ देवांचा देव ; विष्णु . महादेव .
०देव   - पूजाअर्चा करणे ; कळकळीने प्रार्थना करणे ; अतिशय श्रम करणे .
०देव   - पूजाअर्चा करणे ; कळकळीने प्रार्थना करणे ; अतिशय श्रम करणे .
करणे   - पूजाअर्चा करणे ; कळकळीने प्रार्थना करणे ; अतिशय श्रम करणे .
करणे   - पूजाअर्चा करणे ; कळकळीने प्रार्थना करणे ; अतिशय श्रम करणे .
०देवक  न. देवक पहा .
०देवक  न. देवक पहा .
०देवतार्चन  न. देवतार्चन पहा . देव्हारा पु . पुष्कळ देवता , सिद्धपुरुष , साधु यांची भक्ति , प्रार्थना इ० करणे ; कळकळीने प्रार्थना करणे ; ( दुखणे वगैरे संकटाच्या निवारणाकरितां ). देवदेव्हारे केले बहुत । औषधासी नाही गणित ।
०देवतार्चन  न. देवतार्चन पहा . देव्हारा पु . पुष्कळ देवता , सिद्धपुरुष , साधु यांची भक्ति , प्रार्थना इ० करणे ; कळकळीने प्रार्थना करणे ; ( दुखणे वगैरे संकटाच्या निवारणाकरितां ). देवदेव्हारे केले बहुत । औषधासी नाही गणित ।
०द्वार  न. १ मंदिराचे दार . २ मंदिर ; देवस्थान ; पवित्र जागा ; धार्मिक कृत्ये करण्याची जागा .
०द्वार  न. १ मंदिराचे दार . २ मंदिर ; देवस्थान ; पवित्र जागा ; धार्मिक कृत्ये करण्याची जागा .
०धर्म  पु. १ देवदेव ; देवपूजा वगैरे . २ कांही इष्ट सिद्धीविषयी किंवा अनिष्ट निरसनार्थ कुलग्रामदेवतादिकांस नवस करणे , कौल लावणे इत्यादि . ३ नैमित्तिक धार्मिक कृत्य . याच्या उलट नित्यधर्म .
०धर्म  पु. १ देवदेव ; देवपूजा वगैरे . २ कांही इष्ट सिद्धीविषयी किंवा अनिष्ट निरसनार्थ कुलग्रामदेवतादिकांस नवस करणे , कौल लावणे इत्यादि . ३ नैमित्तिक धार्मिक कृत्य . याच्या उलट नित्यधर्म .
०उठविणे   दुसर्‍याने पिशाचादि क्षुद्र देवतांमार्फत उत्पन्न केलेली पीडा वगैरे दूर होण्याकरितां शांति वगैरे सारखी कृत्ये करणे . देवाधर्माचा वि . देव , पिशाच यांच्यापासून उत्पन्न झालेला ( रोग इ० ). याच्या उलट अंगरोग . देवाधर्माने टाकलेला वि . जातिबहिष्कृत ; धर्मबाह्य .
०उठविणे   दुसर्‍याने पिशाचादि क्षुद्र देवतांमार्फत उत्पन्न केलेली पीडा वगैरे दूर होण्याकरितां शांति वगैरे सारखी कृत्ये करणे . देवाधर्माचा वि . देव , पिशाच यांच्यापासून उत्पन्न झालेला ( रोग इ० ). याच्या उलट अंगरोग . देवाधर्माने टाकलेला वि . जातिबहिष्कृत ; धर्मबाह्य .
०धान्य  न. १ ज्याचा नैवेद्य देवास अर्पण करावयाचा असे धान्य ( तांदूळ , गहूं इ० ) धूप = पु . देवापुढे लावावयाचा सुवासिक धूप .
०धान्य  न. १ ज्याचा नैवेद्य देवास अर्पण करावयाचा असे धान्य ( तांदूळ , गहूं इ० ) धूप = पु . देवापुढे लावावयाचा सुवासिक धूप .
०नदी  स्त्री. १ ( काव्य ) गंगा ; भागीरथी नदी । धर्म म्हणे धर्मा ज्या देवनदी प्रसवली महाभाग । - मोशांति ६ . ३० . २ आकाशगंगा .
०नदी  स्त्री. १ ( काव्य ) गंगा ; भागीरथी नदी । धर्म म्हणे धर्मा ज्या देवनदी प्रसवली महाभाग । - मोशांति ६ . ३० . २ आकाशगंगा .
०नळ   नाळ - पु . बोरुची एक जात . मी जाण देवनळही स्वकरी धराया । - र २७ .
०नळ   नाळ - पु . बोरुची एक जात . मी जाण देवनळही स्वकरी धराया । - र २७ .
०नागरी  स्त्री. बालबोधी ( संस्कृत ) लिपि ; संस्कृत भाषेची व ग्रंथांची लिपि . [ देवनगर ]
०नागरी  स्त्री. बालबोधी ( संस्कृत ) लिपि ; संस्कृत भाषेची व ग्रंथांची लिपि . [ देवनगर ]
०निंदक वि.  देवांची निंदा करणारा ; नास्तिक .
०निंदक वि.  देवांची निंदा करणारा ; नास्तिक .
०निंदा  स्त्री. देवांची निंदा .
०निंदा  स्त्री. देवांची निंदा .
०पण   पणा पुन . १ . देवधर्म अर्थ २ पहा . २ देवकळा . ३ ( गो . ) अंगात येऊन प्रश्नांची उत्तरे देणे .
०पण   पणा पुन . १ . देवधर्म अर्थ २ पहा . २ देवकळा . ३ ( गो . ) अंगात येऊन प्रश्नांची उत्तरे देणे .
०पळ्ही   पळ्हे स्त्रीन . कापसाची एक जात ; देवकापशी ; देवकापूस . - ऋ ६८ . ( टीप )
०पळ्ही   पळ्हे स्त्रीन . कापसाची एक जात ; देवकापशी ; देवकापूस . - ऋ ६८ . ( टीप )
०पाट  पु. देवाचा व पूजा करण्याकरितां बसण्याचा पाट .
०पाट  पु. देवाचा व पूजा करण्याकरितां बसण्याचा पाट .
०पाण  न. ( कु . ) नैमित्तिक देवस्की ; देवपणा .
०पाण  न. ( कु . ) नैमित्तिक देवस्की ; देवपणा .
०पिसा वि.  देवासाठी वेडा झालेला .
०पिसा वि.  देवासाठी वेडा झालेला .
०पिसे   पिसी शी नस्त्री . फाजील धर्मनिष्ठपणा .
०पिसे   पिसी शी नस्त्री . फाजील धर्मनिष्ठपणा .
०पूजा  स्त्री. देवतार्चन पहा .
०पूजा  स्त्री. देवतार्चन पहा .
०पूजा   - ( ल . ) मगरुर होणे ; थोडीशी प्रतिष्ठा वाढल्यामुळे फुगणे . गांड भरे आणि देवपूजा वाढे .
०पूजा   - ( ल . ) मगरुर होणे ; थोडीशी प्रतिष्ठा वाढल्यामुळे फुगणे . गांड भरे आणि देवपूजा वाढे .
वाढणे   - ( ल . ) मगरुर होणे ; थोडीशी प्रतिष्ठा वाढल्यामुळे फुगणे . गांड भरे आणि देवपूजा वाढे .
वाढणे   - ( ल . ) मगरुर होणे ; थोडीशी प्रतिष्ठा वाढल्यामुळे फुगणे . गांड भरे आणि देवपूजा वाढे .
०पुरी  स्त्री. १ वाटेल त्या येणार्‍याजाण्यार्‍यास मोकळीक असलेले घर . २ ( ल . ) धर्मशाळा .
०पुरी  स्त्री. १ वाटेल त्या येणार्‍याजाण्यार्‍यास मोकळीक असलेले घर . २ ( ल . ) धर्मशाळा .
०प्रतिष्ठा  स्त्री. १ मंदिरात केलेली नव्या मूर्तीची स्थापना . २ विवाहादि संस्कारांच्या आरंभी करावयाची देवतांची स्थापना ; देवक बसविणे .
०प्रतिष्ठा  स्त्री. १ मंदिरात केलेली नव्या मूर्तीची स्थापना . २ विवाहादि संस्कारांच्या आरंभी करावयाची देवतांची स्थापना ; देवक बसविणे .
०प्रश्न  पु. १ देवाला कौल लावणे . २ ( फलज्योतिष ) ग्रह पाहणे . ( क्रि० करणे ; पाहणे ; येणे ; उतरणे ).
०प्रश्न  पु. १ देवाला कौल लावणे . २ ( फलज्योतिष ) ग्रह पाहणे . ( क्रि० करणे ; पाहणे ; येणे ; उतरणे ).
०बाभळ   बाभूळ - स्त्री . कंकर ; कंकरी ; काळी बाभूळ . सामान्य बाभळीसारखा हिचा वृक्ष मोठा होत नाही . फुले पिवळी असतात . या झाडास लाख येते . पिसाळलेल्या कुत्र्याच्या कोल्ह्याच्या विषावर उपयोगी आहे . देवबाभळीचे मूळ थंड पाण्यांत १ ते ४ तोळेपर्यंत ७ दिवस द्यावे . पथ्य करावे - वगु ४ . ३० .
०बाभळ   बाभूळ - स्त्री . कंकर ; कंकरी ; काळी बाभूळ . सामान्य बाभळीसारखा हिचा वृक्ष मोठा होत नाही . फुले पिवळी असतात . या झाडास लाख येते . पिसाळलेल्या कुत्र्याच्या कोल्ह्याच्या विषावर उपयोगी आहे . देवबाभळीचे मूळ थंड पाण्यांत १ ते ४ तोळेपर्यंत ७ दिवस द्यावे . पथ्य करावे - वगु ४ . ३० .
०बुद्धि  स्त्री. १ देवाविषयी आस्तिक्यबुद्धि . २ चराचर विश्व देवमय पाहण्याची दृष्टि . याच्या उलट पाषाण - पर्वतबुद्धि
०बुद्धि  स्त्री. १ देवाविषयी आस्तिक्यबुद्धि . २ चराचर विश्व देवमय पाहण्याची दृष्टि . याच्या उलट पाषाण - पर्वतबुद्धि
०ब्राह्मण  पु. १ यात्रेच्या सांगतेप्रित्यर्थ ब्राह्मणभोजन घालणे . २ यात्रेच्या ठिकाणी देवाची पूजा व ब्राह्मणभोजन करणे . ३ लग्नामुंजीचेपूर्वी प्रथम जेवण करतात ते .
०ब्राह्मण  पु. १ यात्रेच्या सांगतेप्रित्यर्थ ब्राह्मणभोजन घालणे . २ यात्रेच्या ठिकाणी देवाची पूजा व ब्राह्मणभोजन करणे . ३ लग्नामुंजीचेपूर्वी प्रथम जेवण करतात ते .
०भक्ति  स्त्री. देवाची सेवा . २ ( को . ) पिशाच्चउपद्रव नाहीसा करण्यासाठी अंगारा लावणे ; आपल्या अंगी पिशाच्चाचा संचार करुन घेणे इ०
०भक्ति  स्त्री. देवाची सेवा . २ ( को . ) पिशाच्चउपद्रव नाहीसा करण्यासाठी अंगारा लावणे ; आपल्या अंगी पिशाच्चाचा संचार करुन घेणे इ०
०भक्त्या वि.  पंचाक्षरी ; मांत्रिक ; देवऋषी . -
०भक्त्या वि.  पंचाक्षरी ; मांत्रिक ; देवऋषी . -
०भात  न. आपोआप उगवणारे भात ; एक उपधान्य . हे डोंगरात पाणथळ जागी पिकते . उपवासाच्या दिवशी खातात .
०भात  न. आपोआप उगवणारे भात ; एक उपधान्य . हे डोंगरात पाणथळ जागी पिकते . उपवासाच्या दिवशी खातात .
०भाषा  स्त्री. संस्कृत भाषा .
०भाषा  स्त्री. संत भाषा .
०भूमि  स्त्री. १ पवित्र भूमि . २ यज्ञयाग करावयाची किंवा जीमध्ये नद्या , मंदिरे वगैरे आहेत अशी पवित्र जागा , प्रांत .
०भूमि  स्त्री. १ पवित्र भूमि . २ यज्ञयाग करावयाची किंवा जीमध्ये नद्या , मंदिरे वगैरे आहेत अशी पवित्र जागा , प्रांत .
०मंगळ वि.  ज्याच्या कटीवर , उरावर , शिरावर व कपाळावर मिळून चार पांच भोंवरे असतात असा ( घोडा ) - अश्वप १ ९० .
०मंगळ वि.  ज्याच्या कटीवर , उरावर , शिरावर व कपाळावर मिळून चार पांच भोंवरे असतात असा ( घोडा ) - अश्वप १ ९० .
०मण   मणि वि . ज्याचे ऊर सोडून वरीलभागी कंठाचे असा ( घोडा ). हा शुभलक्षणी होय . - अश्वप १ . ९२ . बाहात्तर खोडी परी देवमणकंठी । - तुगा १६७५ .
०मण   मणि वि . ज्याचे ऊर सोडून वरीलभागी कंठाचे असा ( घोडा ). हा शुभलक्षणी होय . - अश्वप १ . ९२ . बाहात्तर खोडी परी देवमणकंठी । - तुगा १६७५ .
०मांत वि.  देवाकडे सर्वस्वी लक्ष असलेला ; धार्मिक .
०मांत वि.  देवाकडे सर्वस्वी लक्ष असलेला ; धार्मिक .
०मय वि.  देवरुप बनलेला .
०मय वि.  देवरुप बनलेला .
०माणूस  पु. निरुपद्रवी , विश्वासु , निष्कपटी माणूस .
०माणूस  पु. निरुपद्रवी , विश्वासु , निष्कपटी माणूस .
०मातृक वि.  पावसाच्या पाण्याने जेथे पीक होते असा ( देश ). याच्या उलट नदी - जलमातृक .
०मातृक वि.  पावसाच्या पाण्याने जेथे पीक होते असा ( देश ). याच्या उलट नदी - जलमातृक .
०मासा  पु. एक प्रकारचा मासा ; याची लांबी ४५ ते ८० फूट असून हा मांसाहारी आहे . जबड्याची उंची माणूस उभा राहील इतकी असते . हा शेपटीने मोठ्या नावा फोडतो . याचे तेल व जबड्याचे हाड उपयुक्त व किंमतवान असते .
०मासा  पु. एक प्रकारचा मासा ; याची लांबी ४५ ते ८० फूट असून हा मांसाहारी आहे . जबड्याची उंची माणूस उभा राहील इतकी असते . हा शेपटीने मोठ्या नावा फोडतो . याचे तेल व जबड्याचे हाड उपयुक्त व किंमतवान असते .
०मुलुक  पु. नर्मदेच्या उत्तरेकडील हिंदुस्थान देश . याच्या उलट राक्षसी मुलुक = दक्षिणहिंदुस्थान .
०मुलुक  पु. नर्मदेच्या उत्तरेकडील हिंदुस्थान देश . याच्या उलट राक्षसी मुलुक = दक्षिणहिंदुस्थान .
०यज्ञ  न. जेवणाच्या पूर्वी करावयाचा एक यज्ञ ; वैश्वदेव ; पंचमहायज्ञ पहा .
०यज्ञ  न. जेवणाच्या पूर्वी करावयाचा एक यज्ञ ; वैश्वदेव ; पंचमहायज्ञ पहा .
०यात्रा  स्त्री. देवाची मिरवणूक .
०यात्रा  स्त्री. देवाची मिरवणूक .
०यान  न. देवाकडे नेणारा मार्ग ; उत्तरायण .
०यान  न. देवाकडे नेणारा मार्ग ; उत्तरायण .
०योनि  स्त्री. उपदेव , विद्याधर , अप्सरा , यक्ष , राक्षस , गंधर्व , किन्नर , पिशाच , गुह्यक , सिद्ध , भूत इ० .
०योनि  स्त्री. उपदेव , विद्याधर , अप्सरा , यक्ष , राक्षस , गंधर्व , किन्नर , पिशाच , गुह्यक , सिद्ध , भूत इ० .
०रसपण  न. देवऋषी , मांत्रिकपणाचे काम , धंदा .
०रसपण  न. देवऋषी , मांत्रिकपणाचे काम , धंदा .
०राज  पु. इंद्र .
०राज  पु. इंद्र .
०रुखा  पु. ब्राह्मणांतील एक पोटजात .
०रुखा  पु. ब्राह्मणांतील एक पोटजात .
०रुखी  स्त्री. १ मंदिरांतील गाभारा . २ ( कु . ) ( देवळांतील देव ठेवण्याचा ) कोनाडा .
०रुखी  स्त्री. १ मंदिरांतील गाभारा . २ ( कु . ) ( देवळांतील देव ठेवण्याचा ) कोनाडा .
०रुषी   शी लशी पु . देवभक्त्या पहा .
०रुषी   शी लशी पु . देवभक्त्या पहा .
०लशी  पु. अंगातील भूत काढणारा मांत्रिक .
०लशी  पु. अंगातील भूत काढणारा मांत्रिक .
०रुसकी   रसकी लसकी स्त्री . देवरसपण पहा .
०रुसकी   रसकी लसकी स्त्री . देवरसपण पहा .
०रुपी वि.  देवाच्या रुपासारखा ; देवाच्या रुपांतील . देवर्षि पु . स्वर्गातील ऋषि . यांत नारद , अत्रि , मरीची , भरद्वाज , तुंबरु इ०चा समावेश होतो . शक्र म्हणे कर हरिहर - विजयांचे आशुगान देवर्षे । - मोविराट ६ . २४ . देवल लक पु . १ देवापुढे ठेवलेली दक्षिणा इ० वर उदरनिर्वाह करणारा ब्राह्मण . २ दक्षिणा घेऊन धर्मकृत्ये करणारा ; भिक्षुक . ३ गुरव . कुंभार देवळक तथा धनगर । - स्वादि ५ . ३५ .
०रुपी वि.  देवाच्या रुपासारखा ; देवाच्या रुपांतील . देवर्षि पु . स्वर्गातील ऋषि . यांत नारद , अत्रि , मरीची , भरद्वाज , तुंबरु इ०चा समावेश होतो . शक्र म्हणे कर हरिहर - विजयांचे आशुगान देवर्षे । - मोविराट ६ . २४ . देवल लक पु . १ देवापुढे ठेवलेली दक्षिणा इ० वर उदरनिर्वाह करणारा ब्राह्मण . २ दक्षिणा घेऊन धर्मकृत्ये करणारा ; भिक्षुक . ३ गुरव . कुंभार देवळक तथा धनगर । - स्वादि ५ . ३५ .
०लंड वि.  १ देवास तुच्छ मानणारा . २ नास्तिक .
०लंड वि.  १ देवास तुच्छ मानणारा . २ नास्तिक .
०लोक  पु. स्वर्ग .
०लोक  पु. स्वर्ग .
०वाणी  स्त्री. १ संस्कृत भाषा . देववाणी गीर्वाण संस्कृत । - दावि ३८९ . २ आकाशवाणी .
०वाणी  स्त्री. १ संस्कृत भाषा . देववाणी गीर्वाण संस्कृत । - दावि ३८९ . २ आकाशवाणी .
०वेळ  स्त्री. सकाळचे वेळ .
०वेळ  स्त्री. सकाळचे वेळ .
०वृक्ष  पु. देवतरु पहा .
०वृक्ष  पु. देवतरु पहा .
०व्रत  पु. भीष्मचार्य . अतुळे पितृप्रसादे मंडित देवव्रता असामान्य । - मोकर्ण ५०७४ . ८ . ४८ .
०व्रत  पु. भीष्मचार्य . अतुळे पितृप्रसादे मंडित देवव्रता असामान्य । - मोकर्ण ५०७४ . ८ . ४८ .
०शिल्प  न. मूर्ति , रथ , यज्ञकुंड वगैरे संबंधाचे शिल्प .
०शिल्प  न. मूर्ति , रथ , यज्ञकुंड वगैरे संबंधाचे शिल्प .
०सभा  स्त्री. इंद्रसभा .
०सभा  स्त्री. इंद्रसभा .
०साख  पु. एक राग . यांत षड्ज , तीव्र ऋषभ , कोमल गांधार , कोमल , मध्यम , पंचम , कोमल धैवत , कोमल निषाद हे स्वर लागतात . जाति संपूर्ण - संपूर्ण . वादी षड्ज . संवादी मध्यम . गानसमय दिवसाचा पहिला प्रहर . हा एक कानड्या रागाचा प्रकार आहे .
०साख  पु. एक राग . यांत षड्ज , तीव्र ऋषभ , कोमल गांधार , कोमल , मध्यम , पंचम , कोमल धैवत , कोमल निषाद हे स्वर लागतात . जाति संपूर्ण - संपूर्ण . वादी षड्ज . संवादी मध्यम . गानसमय दिवसाचा पहिला प्रहर . हा एक कानड्या रागाचा प्रकार आहे .
०सायुज्य  न. देवांत लय होणे ; विलीन होणे .
०सायुज्य  न. देवांत लय होणे ; विलीन होणे .
०साळी  स्त्री. ( व ) देवभात ; न पेरता उगवलेल्या साळी . ऋषिपंचमीला याचे तांदूळ खातात . देवसू वि . ( राजा . कु . ) देवाला दिलेली , वाहिलेली ( जमीन , उत्पन्न इ० ). देवस्की स्त्री . १ देवभक्ति पहा . २ गांवदेवतेचा वार्षिक उत्सव . ३ देवाला कौल लावणे . ० ===== पु . पुण्यभूमि .
०साळी  स्त्री. ( व ) देवभात ; न पेरता उगवलेल्या साळी . ऋषिपंचमीला याचे तांदूळ खातात . देवसू वि . ( राजा . कु . ) देवाला दिलेली , वाहिलेली ( जमीन , उत्पन्न इ० ). देवस्की स्त्री . १ देवभक्ति पहा . २ गांवदेवतेचा वार्षिक उत्सव . ३ देवाला कौल लावणे . ० ===== पु . पुण्यभूमि .
०स्थान  न. १ पुण्यभूमि . २ देवाला अर्पण केलेली जमीन किंवा उत्पन्न . ३ देवाचे संस्थान .
०स्थान  न. १ पुण्यभूमि . २ देवाला अर्पण केलेली जमीन किंवा उत्पन्न . ३ देवाचे संस्थान .
०स्थापन   ना नस्त्री . देवप्रतिष्ठा पहा . देवस्व सू न . देवस्थान अर्थ २ पहा . देवळ न . देऊळ ; मंदिर . [ सं . देवालय ] देवळची घांट स्त्री . देऊळघांट पहा . देवळी स्त्री . १ देवरुखी पहा . २ लहान देऊळ . देवळी पु . भावीण ; तिची संतति . यांच्याकडे दिवे लावणे , वाद्ये वाजविणे इ० कामे पिढीजात असतात . यांची स्वतंत्र जात मानितात . देवाईल न . देऊळ . बरे जाले तुझे केले देवाईल । लेकरे बाईल उपेक्षिली । - तुगा ६५५ . देवांगण न . १ देवळांतील अंगण . २ त्या अंगणात उभे राहून घ्यावयाची शपथ . शून्याची देवांगणे । प्रमाणसी । - अमृ ७ . १०२ . ३ गंधर्व नगर . ४ मिथ्या कल्पना . देवांगना स्त्री . स्वर्गातील अप्सरा . २ भावीण ; देवळी ; देवदासी . देवागार न . ( काव्य . ) देवघर . देवांगे न . ( महानु . ) पीतांबर . काढिली देवांगे चांग रत्ने कनक भरिएले परिएळा । - धवळे पूर्वार्ध ३९ . देवाधर्माचा वि . देवाधर्मासंबंधी ; पवित्र ; धार्मिक ( काम , वस्तु , व्यक्ति ). देवाधिदेव पु . १ देवदेव अर्थ २ पहा . २ विष्णु , महादेव . देवांना प्रिय १ देवाचा लाडका . २ संन्यासी . ३ ( ल . ) मूर्ख . देवान्न न . १ देवभात पहा . २ पक्वान्न इ० उत्तम अन्न . निंदिती कदान्न इच्छिती देवान्न । पहाताती मान आदराचा । - तुगा २८२७ . देवापगा स्त्री . देवनदी ; भागीरथी ; गंगा . [ सं . देव + आपगा ] देवापुढचा देव , देवापुढे देव पु . १ महादेवापुढचा नंदी . २ ( ल . ) मूर्खशिरोमणी . देवार्चन , देवावाहन , देवोत्थापन देवता खाली पहा . जनार्दनस्वामी करिती देवार्चन । - रामदासि २ . ७२ . देवालय न . देऊळ ; मंदिर . देवाज्ञा स्त्री . ( ल . ) मृत्यु . ( क्रि० होणे ; येणे ). देवीधर्मी क्रिवि . १ देवधर्मामध्ये . पाटाची बायको देवीधर्मी उपयोगी पडत नाही . २ देवधर्माला व्रत वैकल्ये किंवा धार्मिक आचारविचार , धार्मिक उपाय , उपचार करुन ; प्रश्न पाहून . ( क्रि० पाहणे , विचारणे ). हे संकट टळावे म्हणून देवीधर्मी विचारुन पहा . देवोत्थान न . चातुर्मास संपल्यावर कार्तिक शुक्ल एकादशीस विष्णूचे जागे होणे आणि उठणे . या एकादशीस प्रबोधिनी एकादशी म्हणतात . [ सं . ]

देव     

नेपाली (Nepali) WN | Nepali  Nepali
See : देवता

देव     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
देव  f. mf()n. (fr.3.दिव्) heavenly, divine (also said of terrestrial things of high excellence), [RV.] ; [AV.] ; [VS.] ; [ŚBr.] (superl.m.देव॑-तम , [RV. iv, 22, 3 &c.] ; f.देवि-तमा, ii, 41, 16)
देव  m. m. (according to, [Pāṇ. 3-3, 120] दे॑व) a deity, god, [RV.] &c. &c.
(rarely applied to) evil demons, [AV. iii, 15, 5] ; [TS. iii, 5, 4, 1]
विश्वे देवास्   (pl. the gods as the heavenly or shining ones; , all the gods, [RV. ii, 3, 4 &c.] , or a partic. class of deities [see under वि॑श्व], often reckoned as 33, either 11 for each of the 3 worlds, [RV. i, 139, 11 &c.] [cf.त्रि-दश], or 8 वसुs, 11 रुद्रs, and 12 आदित्यs [to which the 2 अश्विन्s must be added] [Br.] ; cf. also, [Divyâv. 68] ; with जैनs 4 classes, viz.भवना-धी-श, व्यन्तर, ज्योतिष्क, and वैमानिक; देवा॑नाम् प॑त्न्यस्, the wives of the gods, [RV.] ; [VS.] ; [Br.] [cf.देव-पत्नी below])
N. of the number 33 (See above), [Gaṇit.]
N. of इन्द्र as the god of the sky and giver of rain, [MBh.] ; [R.] &c.
a cloud, [L.]
(with जैनs) the 22nd अर्हत् of the future उत्-सर्पिणी
the image of a god, an idol, [Viṣṇ.]
भू-द्°   a god on earth or among men, either Brāhman, priest, [RV.] ; [AV.] (cf.), or king, prince (as a title of honour, esp. in the voc. ‘your majesty’ or ‘your honour’; also ifc.e.g.श्री-हर्ष-द्°, विक्रमा-ङ्क-द्°, king श्री- or Vikr°, and in names as पुरुषो-त्तम-द्° [lit. having विष्णु as one's deity; cf.अतिथि-द्°, आचार्य-द्°, पितृ-द्°, मातृ-द्°]; rarely preceding the name e.g.देव-चण्डमहासेन, [Kathās. xiii, 48] ), [Kāv.] ; [Pañc.] &c. (cf.क्षिति-, नर-, &c.)
ROOTS:
भू द्°
देवृ   a husband's brother (cf. and देवर), [W.]
a fool, dolt, [L.]
a child, [L.]
a man following any partic. line or business, [L.]
a spearman, lancer, [L.]
emulation, wish to excel or overcome, [L.]
sport, play, [L.]
a sword, [Gal.]
N. of men, [VP.]
of a disciple of नागार्जुन, [MWB. 192]
देवदत्त   dimin. for , [Pāṇ. 5-3, 83] , Vārtt.4 Sch.
देव  n. n. ([L.] ) an organ of sense, [MuṇḍUp. iii, 1, 8; 2, 7]
देव   [cf.Lat.dīvus, deus; Lit.dḗvas; Old Pruss.deiwas.]

देव     

देव [dēva] a.  a. (-वी f.) [दिव्-अच्]
Divine, celestial; [Bg.11.] 11; [Ms.12.117.]
Shining; यज्ञस्य देवमृत्विजम् [Rv.1.1.1.]
Fit to be worshipped or honoured.
वः A god, deity; एको देवः केशवो वा शिवो वा [Bh.3.12.]
(a) The god of rain, an epithet of Indra; as in द्वादश वर्षाणि देवो न ववर्ष; अवर्षयद्देवः [Rām.1.9.18;] काले च देशे च प्रववर्ष देवः [Bu. Ch.2.7.] (b) A cloud.
A divine man, Brāhmaṇa, as in भूदेव.
A king, ruler, as in मनुष्यदेव; तां देवसमितिं (अभ्या- गच्छत्) [Mb.3.13.22.]
A title affixed to the names of Bārhmaṇas; as in गोविन्ददेव, पुरुषोत्तमदेव &c.
(In dramas) A title of honour used in addressing a king, ('My lord', 'Your majesty'); ततश्च देव [Ve.4;] यथाज्ञापयति देवः &c.
Quicksilver.
The Supreme Spirit; हित्वा च देहं प्रविशन्ति देवं दिवौकसो द्यामिव पार्थ सांख्याः [Mb.12.31.112.]
A fool
A child.
A man following any particular business.
A lover.
Emulation.
Sport, play.
A husband's brother (cf. देवृ, देवर).
A lancer.-वम् An organ of sense; देवानां प्रभवो देवो मनसश्च त्रिलोककृत् [Mb.14.41.3.] [cf. L. deus; Gr. deos.]. -Comp.
-अंशः   a partial incarnation of god.
-अगारः, -रम्   a temple.-अङ्गना a celestial damsel, an apsaras.
आयुधम् a divine weapon.
rainbow.
-आयुष्म्   the life-time of a god.
आलयः heaven.
a temple.
आवासः heaven.
the holy fig-tree (अश्वत्थ).
the Sumeru mountain.
-आहारः   nectar, ambrosia.
-इज् a.  a. (nom. sing. देवेट्-ड्) worshipping the gods.
-इज्यः   an epithet of Bṛihaspati, preceptor of the gods.
इज्जः an epithet of Indra.
of Śiva.
-इष्ट a.  a. dear to gods. (-ष्टः) bdellium. (-ष्टा) the wild lime tree.
-ईशः   an epithet of (1) Indra. (2) Śiva. (3) Viṣṇu. (4) Brahman. (-शी) N. of Durgā also of Devakī mother of Kṛiṣṇa.
-ईश्वरः  N. N. of (1) Śiva. (2) Indra.
उद्यानम् divine garden.
The Nandana garden.
a garden near a temple.-ऋषिः (देवर्षिः)
a deified saint, divine sage such as अत्रि, भृगु, पुलस्त्य, अङ्गिरस् &c.; एवंवादिनि देवर्षौ [Ku.6.84] (i. e. अङ्गिरस्); अथ देवऋषी राजन् संपरेतं नृपात्मजम् Bhāg.; आब्रह्मभुवनाल्लोका देवर्षिपितृमानवाः । तृप्यन्तु पितरः सर्वे मातृमातामहा- दयाः Tarpaṇamantra.
an epithet of Narada; देवर्षीणां च नारदः [Bg.1.13.26.]
-ओकस्  n. n. the mountain Meru or Sumeru.
-कन्या   a celestial damsel, a nymph; also देवकन्यका.
-कर्दमाः   sandal, aloe wood, camphor, saffron pounded together and made into a paste.
-कर्मन्  n. n.,
कार्यम् a religious act or rite, divine command; अनुष्ठितदेवकार्यम् [R.12.13.]
the worship of gods.-काष्ठम् the Devadāru tree.
-किरी  N. N. of a Rāgiṇī; ललिता मालती गौरी नाटी देवकिरी तथा । मेघरागस्य रागिण्यो भवन्तीमाः सुमध्यमाः ॥
-कुण़्डम्   a natural spring.
कुलम् a temple.
a race of gods.
a group of gods.
-कुल्या   the celestial Ganges.
-कुसुमम्   cloves; एलां च देवकुसुमं त्वक्पत्रं देवदारु च [Śiva. B.3.14.]
खातम्, खातकम् a natural hollow among mountains.
a natural pond or reservoir; [Ms.4.23.]
a pond near a temple. ˚बिल a cavern, chasm.
-गणः   a class of gods.
-गणिका   an apsaras; q. v.
-गतिः   the path of देवलोक; अनुज्ञातश्च रामेण ययौ देवगतिं मुनिः [A. Rām. 2.1.4.]
-गन्धर्वः   an epithet of Nārada. (-र्वम्) a particular mode of singing.
-गर्जनम्   thunder.
-गर्भः   see हिरण्यगर्भ; [Rām.2.4.23.]
-गायनः   a celestial chorister, a Gandharva.
-गान्धारी  N. N. of a Rāgiṇī गान्धारी देवगान्धारी मालवी श्रीश्च सारवी । रामकीर्यपि रागिण्यः श्रीरागस्य प्रिया इमाः ॥
गिरिः N. of a mountain; cf. [Me.44.]
 N. N. of a town (Daulatabad).
-गिरी  f. f. N. of a Rāgiṇī.
अतिदेवः, अधिदेवः the highest god.
an epithet of (1) Śiva. (2) Buddha. (3) Viṣṇu. देवातिदेवो भगवान् प्रसूतिरंशे हरिर्यस्य जगत्प्रणेता [Hariv.]
गुरुः an epithet of Kaśyapa (the father of gods).
of Bṛihaspati (the preceptor of gods).
-गुही   an epithet of Sarasvatī or of a place situated on it.
गुह्यम् a secret only known by gods.
death.
गृहम् a temple.
the place of a king.
a planetary sphere.-ग्रहः a class of demons who causes harmless madness.-चरितम् the course of action or practices of the gods; न देवचरितं चरेत्.
-चर्या   the worship or service of gods.
-चिकित्सकौ   (du.) Aśvins, the twin physicians of gods.-छन्दः a pearl-necklace having 81, 1 or 18 strings; शतमष्टयुतं हारो देवच्छन्दो ह्यशीतिरेकयुता [Bṛi. S.81.32.]
-जनः   the gods collectively. ˚विद्या the science of music, dance, other arts &c.; [Ch. Up.7.1.2.]
-जातम्   a class of gods.-जामिः f. a sister of the gods; देवजामीनां पुत्रोऽसि [Av. 6.46.1.]
तरुः the holy fig-tree.
one of the trees of paradise. (i. e. मन्दार, पारिजात, सन्तान, कल्प and हरि- चन्दन); पञ्चैते देवतरवो मन्दारः पारिजातकः । सन्तानः कल्पवृक्षश्च पुंसि वा हरिचन्दनम् ॥ [Ak.]
the tree in a village (चैत्यवृक्ष) where the villagers usually meet (Mar. पार).
-तर्पणम्   offerings of water, part of the सन्ध्या ceremony.
ताडः fire.
an epithet of Rāhu.
तातः a sacrifice.
 N. N. of Kaśyapa.
तातिः a god.
divine service; स नो यक्षद् देवताता यजीयान् [Rv.3.19.1.]
तीर्थम् the right moment for the worship of gods.
the tips of the fingers sacred to gods.
-दत्त   a.
god-given, granted by the gods.
given to the gods (as a village, &c.).
(त्तः) N. of the conch-shell of Arjuna; देवदत्तं धनञ्जयः (दध्मौ) [Bg.1.15.]
a certain person (used in speaking of men indefinitely); मुक्तस्ततो यदि बन्धाद्देवदत्त उपाच्छिनत्ति [Bhāg.5.14.24;] देवदत्तः पचति, पिनो देवदत्तो दिवा न भुङ्क्ते &c.
one of the vital airs exhaled in yawning; देवदत्तो विजृम्भणे. ˚अग्रजः N. of Buddha.
-दर्शन a.  a. visiting the gods. (-नः) N. of Nārada; यथा प्राह नारदो देवदर्शनः [Bhāg.2.8.1.]
-दारु  m. m., n. a species of pine; गङ्गाप्रवाहोक्षित- देवदारु [Ku.1.54;] [R.2.36.]
-दासः   a servant or attendant upon a temple.
अधिपः an epithet of Indra.
the supreme god.
-अनीकम्   an army of celestials.
-अनुचरः, -अनुयायिन्  m. m. an attendant or follower of a god; निशम्य देवानुचरस्य वाचं मनुष्यदेवः पुनरप्युवाच [R.2.52.] -अन्धस्n.,
(सी) a female in the service of gods or a temple.
a courtezan (employed as a dancer in a temple).
the wild citron tree.
-दीपः   the eye.
दुन्दुभिः divine drum; देवदुन्दुभिनिर्घोषो पुष्पवृष्टिश्च खात् पतन् [Rām.]
the holy basil with red flowers.
an epithet of Indra.
-दूतः   a divine envoy or messenger, an angel.
देवः an epithet of Brahman; [Rām.1.43.1.]
of Śiva; अयाचितारं न हि देवदेवमद्रिः सुतां ग्राहयितुं शशाक [Ku.1.52.]
of Viṣṇu; [Bg.1.15.]
of Gaṇeśa; दृष्टप्रभावो वरदो देवदेवो विनायकः [Ks.2.55.]
-दैवत्य a.  a. destined for the god; [Ms.2.189.]
-द्रोणी   a procession with idols.
-धर्मः   a religious duty or office.
-धानी   the city of Indra; तां देवधानीं स वरुथिनीपतिर्बहिः समन्ताद्रुरुधे पृतन्यया [Bhāg. 8.15.23.]
-धान्यम्   a kind of grass-grain (Mar. देवभात).-धिष्ण्यम् a chariot of the gods (विमान); [Bhāg.1.] 82.7.
-नक्षत्रम्  N. N. of the first 14 नक्षत्रs in the southern quarter (opp. to यमनक्षत्रम्).
नदी the Ganges.
any holy river; [Ms.2.17.]
-नन्दिन्  m. m. N. of the doorkeeper of Indra.
 N. N. of a grammarian.
-नागरी  N. N. of the character in which Sanskrit is usually written.-नाथः Śiva.
निकायः 'residence of gods', paradise, heaven; तं तुष्टुवुर्देवनिकायकेतवः [Bhāg.1.27.25.]
a host or assembly of gods; [Ms.1.36.]
-निन्दकः   a blasphemer, unbeliever, heretic, atheist.
-निन्दा   heresy, atheism.
निर्माल्यम् a garland remaining from a sacrifice.-निर्मित a. 'god-created', natural.
-पादाः   'the royal feet or presence', an honorific term for a king; देवपादाः प्रमाणम्.
पथः 'heavenly passage', heaven, firmament दिव्यो देवपथो ह्येष नात्र गच्छन्ति मानुषाः [Mb.]
the milky way.
-पशुः   any animal consecrated to a deity.
-पात्रम्   an epithet of Agni.
-पुर्, -पुरी  f. f. an epithet of Amarāvatī, the city of Indra.
पुरोहितः a domestic priest of the gods.
the planet Jupiter (बृहस्पति).
-पुष्पम्   cloves.
-पूज्यः   an epithet of Bṛihaspati.
-प्रतिकृतिः  f. f.,
-प्रतिमा   an idol, the image of a deity.
-प्रश्नः   'consulting deities', astrology, fortune-telling.
-प्रसूत a.  a. good-produced (water); [Av.6.] 1.2.
-प्रियः   'dear to the gods', an epithet of Śiva; (देवानांप्रियः an irreg. comp. meaning-
a goat.
a fool, idiot like a brute breast, as in तेऽप्यतात्पर्यज्ञा देवानांप्रियाः [K. P.]
an ascetic, who renounces the world).
-बलिः   an oblation to the gods.
बाहुः N. of a king in the Yadu race.
 N. N. of a sage; देवबाहुः शतधनुः कृतवर्मेति तत्सुताः [bhāg.]
-ब्रह्मन्  m. m. an epithet of Nārada.
अन्नम् the food of gods, divine food, ambrosia.
food that has been first offered to an idol; see [Ms.5.7] and Kull. thereon.
ब्राह्मणः a Brāhmaṇa who lives on the proceeds of a temple.
a venerable Brāhmaṇa.
-भक्तिः   worship or service of the gods.
भवनम् the heaven.
the holy fig-tree.
-भागः   the northern hemisphere. -भm. a god; (-f.) heaven.
-भूमिः  f. f. heaven; पितुः प्रदेशा- स्तव देवभूमयः [Ku.5.45.]
-भूतिः  f. f. an epithet of the Ganges.
-भूयम्   divinity, godhead; विदितमेव भवतां ...... परां निर्वृतिमुपेत्य देवभूयं गताः सर्वे न पूर्वपुरुषा इति Rām. Champū.
-भृत्  m. m. an epithet of
Viṣṇu.
of Indra.-भोगः Pleasure of the gods, heavenly joy; अन्नन्ति दिव्यान् दिवि देवभोगान् [Bg.9.2.]
-भोज्यम्   nectar.
मणिः the jewel of Viṣṇu called कौस्तुभ.
the sun.
a curl of hair on a horse's neck; आवर्तिनः शुभफल- प्रदशुक्तियुक्ताः संपन्नदेवमणयो भृतरन्ध्रभागाः (अश्वाः) [Śi.5.4;] [N.1.58.]
-मधु  n. n. divine honey; असौ वा आदित्यो देवमधु [Ch. Up.3.1.1.]
-मातृ  f. f. N. of Aditi, mother of gods.क a. 'having the god of rain or clouds as foster-mother', watered only by the clouds, depending on rain-water and not on irrigation, deprived of every other kind of water (as a country); देशो नद्यम्बुवृष्ट्यम्बु- संपन्नव्रीहिपालितः । स्यान्नदीमातृको देवमातृकश्च यथाक्रमम् ॥ Ak.; cf. also वितन्वति क्षेममदेवमातृकाः (i. e. नदीमातृकाः) चिराय तस्मिन् कुरवश्चकासते [Ki.1.] 17.
-मानकः   the jewel of Viṣṇu called कौस्तुभ.
-माया   the Māyā of gods; ते दुस्तराम- तितरन्ति च देवमायाम् [bhāg.]
-मार्गः   the air or sky.
-मासः   the eighth month of pregnancy.
-मुनिः   a divine sage.
यजनम् a sacrificial place, a place where a sacrifice is performed; ततस्ते देवयजनं ब्राह्मणाः स्वर्णलाङ्गलैः (कृष्ट्वा) [Bhāg.1.74.12.] देवयजनसंभवे सीते [U.4.]
a place of worship; मण्डलं देवयजनं दीक्षासंस्कार आत्मनः [Bhāg.12.11.17.] -यजि a. making oblations to gods.
-यज्ञः   a sacrifice to the superior gods made by oblations to fire, or through fire to the gods; (one of the five daily sacrifices of a Brāhmaṇa; see [Ms.3.81,85] and पञ्चयज्ञ also).
-यज्यम्, -यज्या   a sacrifice.
-यात्रा   'an idolprocession,' any sacred festival when the idols are carried in procession; केनापि देवयात्रागतेन सिद्धादेशेन साधुना मत्समक्षमादिष्टा [M.5.12-13.]
-यान   bestowing मोक्ष; यज्ञस्य देवयानस्य मेध्याय हविषे नृप [Bhāg.8.8.2.]
-नः   the path leading to मोक्ष; सत्येन पन्था विततो देवयानः Muṇḍ.3.1.6.-यानम् a celestial car.
युगम् the first of the four ages of the world; also called कृतयुग, सनत्कुमारो भगवान् पुरा देवयुगे प्रभुः [Rām.1.11.11.]
an age of the gods comprising four ages of men.
योनिः a superhuman being, a demigod; विद्याधरोऽप्सरोयक्षरक्षोगन्धर्वकिन्नराः । पिशाचो गुह्यकः सिद्धो भूतोऽमी देवयोनयः ॥ [Ak.]
a being of divine origin.
fuel used in kindling fire (f. also).-योषा an apsaras.
-रथः   a car for carrying the image of god in procession.
-थम्   a day's journey for the sun's chariot.
-रहस्यम्   a divine mystery.
राज्, राजः an epithet of Indra; [Rām.7.6.6.]
a king.
 N. N. of Buddha.
रातः an epithet of Parīkṣit.
a kind of swan or crane.
-राष्ट्रम्  N. N. of an empire in the Deccan.
-लक्ष्मम्   the Brāhmanical cord.
-लता   the Navamallikā or double jasmine plant.
-लिङ्गम्   the image or statue of a deity; [Bhāg.3.17.13.]
-लोकः   heaven, paradise; देवलोकस्य चर्त्विजः (प्रभुः) [Ms.4.182.] -वक्त्रम् an epithet of fire.
-वर्त्मन्  n. n. the sky or atmosphere.
-वर्धकिः, -शिल्पिन्  m. m. Viśvakarman, the architect of gods.
-वाणी   'divine voice', a voice from heaven.
विद्या divine science; [Ch. Up.7.1.2.]
the science of Nirukta or etymology; ibid.
-विभागः   the northern hemisphere.-विश् f.,
-विशा   a deity.
-वीतिः   food of the gods.-वृक्षः the Mandāra tree.
-व्यचस् a.  a. Ved. occupied by the gods.
liked by or dear to gods.
sacred or dedicated to a deity. (-ष्टा) piper betel.
-अरण्यम्   the garden of gods, the Nandana garden; अलमुद्द्योतयामासुर्देवारण्यमिवर्तवः [R.1.8.]
-अरिः   a demon.
व्रतम् a religious observance, any religious vow.
the favourite food of the gods. (-तः) an epithet of
Bhīṣma; ततो विनशनं प्रागाद्यत्र देवव्रतोऽपतत् [Bhāg.1.9.1.]
Kārtikeya.
-व्रतत्वम्   celibacy (ब्रह्मचारिव्रत); देवव्रतत्वं विज्ञाप्य [Mb.5.172.19.] -शत्रुः a demon; स देवशत्रूनिव देवराजः [Mb.]
-शुनी   an epithet of Saramā, the bitch of the gods.
-शेखर   thedamanaka tree (Mar. दवणा).
-शेषम्   the remnants of a sacrifice offered to gods.
-श्रीः  m. m. a sacrifice. (f.) Lakṣmī.-श्रुतः an epithet of
Nārada.
a sacred treatise.
a god in general.
-संसद्  f. f. देवसभा q. v.-सत्यम् divine truth, established order of the gods.-संध a. divine.
सभा an assembly of the gods (सुधर्मन्).
a council of a king, council-chamber.
a gambling-house.
सभ्यः a gambler.
a frequenter of gaming-houses.
an attendant on a deity.
the keeper of a gambling-house.
सहा rules of begging alms (? भिक्षासूत्र); L. D. B.
 N. N. of a plant.-सायुज्यम् identification or unification with a deity, conjunction with the gods, deification.
-सिंह   an epithet of Śiva.
-सुषिः   a tube or cavity (in the heart) leading to the gods; cf. उदान, तस्य ह वा एतस्य हृदयस्य पञ्च देवसुषयः [Ch. Up.3.13.1.]
-सू  N. N. of 8 deities (अग्नि, सोम, सवितृ, रुद्र, बृहस्पति, इन्द्र, मित्र and वरुण).
-सृष्टा   an intoxicating drink.
सेना the army of gods.
 N. N. of the wife of Skanda; स्कन्देन साक्षादिव देवसेनाम् [R.7.1.] (Malli.: देवसेना = स्कन्दपत्नी perhaps it merely means 'the army of the gods' personified as Skanda's wife). ˚पतिः, ˚प्रियः an epithet of Kārtikeya.
-स्वम्   'property of gods', property applicable to religious purposes or endowments; यद्धनं यज्ञशीलानां देवस्वं तद्विदु- र्बुधाः [Ms.11.2,26.] ˚अपहरणम् sacrilege.
-सावर्णिः   the 13th Manu; मनुस्त्रयोदशो भाव्यो देवसावर्णिरात्मवान् [Bhāg. 8.13.3.]
-हविस्  n. n. an animal offered to gods at a sacrifice.
-हिंसकः   an enemy of gods.
-हूः   the left ear; [Bhāg.4.25.51.]
-हूतिः  f. f.
invocation of the gods.
 N. N. of a daughter of Manu Svāyambhuva and wife of Kardama.
-हेडनम्   an offence against the gods.-हेतिः a divine weapon.
अर्चनम्, ना the worship of gods.
idolatry.
अर्पणम् an offering to the god.
the Veda; पृथग्- भूतानि चान्यानि यानि देवार्पणानि च [Mb.13.86.17] (see com.).-आवसथः a temple.
-अश्वः   an epithet of उच्चैःश्रवस्, the horse of Indra.
-आक्रीडः   'the garden of the gods', Nandana garden.
-आजीवः, -आजीविन्  m. m. an attendant upon an idol.
a low Brāhmaṇa subsisting by attendance upon an idol and upon the offerings made to it.
consecrated, holy, sacred.
of a divine nature. (-m.)
the divine soul; ते ध्यानयोगानुगताऽ पश्यन् देवात्मशक्तिं स्वगुणैर्निगूढाम् [Śvet. Up.1.3.]
-आयतनम्   a temple; [Ms.4.46;] न देवा- यतनं गच्छेत् कदाचिद् वाऽप्रदक्षिणम् । न पीडयेद् वा वस्त्राणि न देवा- यतनेष्वपि ॥ [Kūrma P.]

देव     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
देव (ऋ) देवृ   r. 1st cl. (देवते) To sport or play. भ्वा० आ० अक० सेट् .
देव  m.  (-वः)
1. A deity, a god.
2. A king, in poetical language.
3. A husbands's brother: see देवृ.
4. A cloud.
5. A fool, a dolt.
6. A child.
7. A man following any particular line or business.
8. A spear-man, a lancer.
9. Emulation, wish to excel or overcome. 10. Sport, play.
11. A term or surname applicable to a Bramhan; also to a man of the kayestha class.
 n.  (-वं) An organ of sense.
 f.  (-वी)
1. A flower, (Hibiscus mutabilis.)
2. A plant, (Marsilea quadrifolia.)
 f.  (-वी)
1. A goddess, the wife of any deity of divine being.
2. A name very commonly applied to the goddess DURGĀ. 3. A queen, one who has been consecrated as well as the king, (in the theatrical language chiefly.)
4. A respectful epithet or title applied to a woman of the first class.
5. Worship, reverence. 6. A plant, (Trigonella corinculata.)
7. Another plant: see मूर्व्वा.
E. दिव् to play, (in heaven, &c.) affix अच्, fem. affix टाप् or ङीष् .
ROOTS:
दिव् अच् टाप् ङीष् .

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