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बादरायण

   { bādarāyaṇḥ }
Script: Devanagari

बादरायण     

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See : वेदव्यास

बादरायण     

बादरायण n.  एक आचार्य, जिसने ब्रह्मसूत्रों की रचना की थी [जै. सृ.१.१५,२.१९, १०.८.४४,११.१.६४] । बदर का वंशज होने से इसे यह नाम प्राप्त हुआ होगा । ‘वैष्णव भागवत’ में, कृष्णद्वपायन व्यास एवं बादरायण एक ही व्यक्ति माने गये है [भा.३.५.१९] । स्वयं शंकराचार्य भी ब्रह्मसूत्रों के रचना का श्रेय बादरायण को प्रदान करते है [ब्र.सू.४.४.२२] । किन्तु संभवतः ब्रह्मसूत्रों की मूल रचना जैमिनि के द्वारा हो कर, उन्हे नया संस्कारित रुप देने का काम बादरायण ने किया होगा । सुरेश्वराचार्य ने अपने ‘नैष्कर्म्यसिद्धि’ नामक ग्रंथ में वैसा स्पष्ट निर्देश किया है [नैष्कर्भ्य.१.९०] । द्रमिडाचार्य ने भी अपने ‘श्रीभाष्यश्रुतप्रकाशिका’ नामक ग्रंथ में सर्वप्रथम वंदन जैमिनि को किया है, एवं उसके पश्चात् बादरायण का निर्देश किया है । कई विद्वानों के अनुसार, बादरायण एवं पाराशर्य व्यास दोनो एक ही व्यक्ति थे । किन्तु सामविधान ब्राह्मण में दिये गये आचार्यो के तालिका में इन दोनों का स्वतंत्र निर्देश किया गया है, एवं इन दोनों में चार पीढीयों का अंतर भी बताया है । बादरायण स्वयं अंगिरसकुल का था [आप.श्रौ.२४.८-१०] , एवं इसके शिष्यों में तांडि एवं शाट्यायनि ये दोनो प्रमुख थे । पाराशर्य व्यास अंगिरसकुल का न हो कर वसिष्ठकुल का था ।
बादरायण n.  बादरायण---भिन्नता---जैमिनिसूत्रों में निर्दिष्ट बादरि नामक आचार्य एवं बादरायण दो स्वतंत्र व्यक्ति थे । क्यों कि, बादरायण के मतों से विपरीत बादरि के अनेक मतों का निर्देश ‘बादरि सूत्रों’ में प्राप्त है । बादरायण देह का भाव तथा अभाव इन दोनों को मान्य करता है । इसके विपरीत, बादरि देह की अभावयुक्त अवस्था को ही मानता है । इस मतभिन्नता से दोनों आचार्य अलग व्यक्ति होने की संभावना स्पष्ट होती है [ब्र. सू.४.४.१०-१२] । सत्याषाढ के गृहसूत्र में इसके गर्भाधान विषयक मतों का निर्देश प्राप्त है, जिसमें यह विधि स्त्री को प्रथम ऋतु प्राप्त होते ही करने के लिये कहा गया है [स. गृ. १९. ७.२५]
बादरायण n.  बादरायण के द्वारा रचित ‘ब्रह्मसूत्र’ के कुल चार अध्याय, सोलह पाद, एक सौ बय्यान्नबे अधिकरण एवं पॉंच सौ पचपन सूत्र हैं । इस ग्रंथ को उत्तर मीमांसा बादरायण सूत्र, ब्रह्ममीमांसा वेदान्तसूत्र, व्याससूत्र एवं शारीरक सूत्र आदि नामान्तर भी प्राप्त है । इस ग्रंथ में बृहदारण्यक, छांदोग्य, कौषीतकी, ऐतरेय, मुंडक, प्रश्न, श्वेताश्वतर, जाबाल एवं आथर्वणिक (अप्राप्य) आदि उपनिषद ग्रंथों में प्राप्त वाक्यों का विचार किया गया है । इस ग्रंथ में निम्नलिखित पूर्वाचार्यो के मत उनके नामोल्लेख के साथ ग्रंथित किये गये हैः---आत्रेय, आश्मरथ्य, औडुलोमि, काश्कृत्स्न, कार्ष्णजिनि, जैमिनि एवं बादरि । इन पूर्वाचार्यो में से बादरि का निर्देश चार सूत्रों में, औडुलोमि का तीन सूत्रों में, आश्मरथ्य का दो सूत्रों में, एवं बाकी सारे आचार्यो का निर्देश एक एक सूत्र में किया गया है । स्वयं बादरायण के मत आठ सूत्रों में दिय गये है । इन सूत्रों का मुख्य उद्देश उपनिषदों के तत्त्वज्ञान का समन्वय करना, एवं उसे समान्वित रुप में प्रस्तुत करना है । महाभारत, मनुस्मृति एवं भगवद्निता के तत्वज्ञान को उद्देश कर भी कई सूत्रों की रचना की गयी है । ये सारे सूत्र काफी महत्त्वपूर्ण है, किन्तु भाष्यग्रन्थों के सहाय्य के सिवाय उनका अर्थ लगाना मुष्किल है । उन में से कई सूत्रों के शंकराचार्य के द्वारा दो दो अर्थ लगाये गये हैं [ब्र.सू.१.१.१२-१९,३१,३.२७,४.३,२.२.३९-४० आदि] कई जगह पाठभेद भी दिखाई देते हैं [ब्र.सू.१.२.२६,४.२६] । इस ग्रन्थ की रचनापद्धति प्रथम पूर्वपक्ष, एवं पश्चात् सिद्धांत इस पद्धति से की गयी है । किंतु कई जगह प्रथम सिद्धान्त दे कर, बाद में उसका पूर्वपक्ष देने की ‘प्रतिलोम’ पद्धति का भी अवलंब गया है [ब्र.सू.४.३.७-११] । अपना विशिष्ट तत्त्वज्ञान स्पष्ट रुप से ग्रंथित करने का प्रयत्न बादरायण ने इस ग्रन्थ के द्वारा किया है । इसका यह प्रयत्न श्री व्यासरचित भगवद्नीता से साम्य रखता है ।

बादरायण     

वि.  अतिदूरचा , ओढून ताणून लावलेला , लांबचा ( संबंध ).

बादरायण     

 पु. ( बोरवनांत - बदरीवनांत जन्मलेले ) कृष्णद्वैपायन ; व्यास . [ सं . ]
०संबंध  पु. अति लांबचा , दूरचा , ओढून - ताणून काढलेला संबंध . ( एकदां एका मनुष्याकडे एक लुच्चा गेला व मी तुमचा संबंधीं आहे असें म्हणू लागला . संबंध विचारल्यावर त्यानें पुढील श्लोकांतील संबंध सांगितला . अस्माकं बदरीचक्रं युष्माकं बदरीतरु : । बादरायणसंबंधात यूयं यूयं वयं वयंम । म्हणजे आमच्या गाडीला बोरीच्या लांकडाचें चाक आहे व तुमच्या दारांत बोरीचें झाड आहे हा बादरायण संबंध ).

बादरायण     

बादराय संबंध कोठून तरी कसातरी जोडलेला संबंध
बळेंच जोडलेलें नातें. एक मनुष्य एका गावीं गाडींत बसून गेला असतां त्याला कोठें उतरावयास जागा मिळेना. अखेरीस कंटाळून त्यानें एक मोठा श्रीमंताचा वाडा पाहिला. तेथें एक बोरीचें झाड होतें तेथें त्यानें गाडी सोडून बैल बांधून ठेवले. यजमानानें आपण कोण, आपला आमचा संबंध काय ? असे प्रश्न विचारल्यावरुन त्यानें सांगितलेम : आमचा आपला बादरायणसंबंध आहे. कारण माझी गाडी बोरीच्या लांकडाची आहे व आपल्या येथें बोरीचें झाड आहे यावरुन हा संबंध जुळतो. अस्माकं बदरीचक्रं युष्माकं बदरीतरुः । बादरायणसंबंधे यूयं यूयं वयं वयम्‍ ॥ ‘ विष्णुपुराणांतला एखादा श्लोक घ्यावा आणि अमुक अमुक इतिहासकाराचा अमुक अमुक लेख आहे म्हणून त्याशीं तो ताडून पहावा आणि कांहीं तरी सांगड लावून बादरायणसंबंध जोडून द्यावा...’ -नि.

बादरायण     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
बादरायण  m. m. (patr.fr.बदर; cf.g.नडा-दि) N. of sev. teachers and authors (esp. of a sage identified with व्यास, said to be the author of the वेदान्त-सूत्रs; of an astronomer; of the author of a धर्म-शास्त्र &c.), [IW. 106 &c.]
बादरायण  mfn. mfn. written or composed by Bād°, [Cat.]

बादरायण     

बादरायणः [bādarāyaṇḥ]   [बदर्यां भवः फक्] N. of a sage said to be the author of the Śārīraka Sūtras of the Vedānta philosophy (generally identified with Vyāsa). -Comp.
-सूत्रम्   the Vedānta aphorisms.
-संबन्धः   (a modern formation) an imaginary or far-fetched relation; अस्माकं बदरीचक्रं युष्माकं बदरीतरुः । बादरायणसंबन्धो यूयं यूयं वयं वयम् ॥ Subhāṣ.

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बादरायण   वेयालॉ वेय, वाबुल्यालॉ जांवय, तवय पोर्सांतला हांवय्‍   वादरायण   पाहुण्याचें पाहुणे, कोंडीबाचे मेव्हणे   तांडि   वेदान्तसूत्र   आडभिंतीची पडभिंत, पडभिंतीचा पोपडा, आणि त्यांतून निघाला खेंकडा   आडभिंतीची पडभींत, पडभिंतीचा वांसा (पोपडा)   कामु   बादरि   निमित्तास मूळ भोपळा, पादास मूळ खोकला   ब्रह्मसूत्र   बदरी   वेदव्यास   वेदान्त   मीमांसा   संकेत   व्यास   पतंजलि         कृष्ण   હિલાલ્ શુક્લ પક્ષની શરુના ત્રણ-ચાર દિવસનો મુખ્યત   ନବୀକରଣଯୋଗ୍ୟ ନୂଆ ବା   વાહિની લોકોનો એ સમૂહ જેની પાસે પ્રભાવી કાર્યો કરવાની શક્તિ કે   સર્જરી એ શાસ્ત્ર જેમાં શરીરના   ન્યાસલેખ તે પાત્ર કે કાગળ જેમાં કોઇ વસ્તુને   બખૂબી સારી રીતે:"તેણે પોતાની જવાબદારી   ਆੜਤੀ ਅਪੂਰਨ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ   బొప్పాయిచెట్టు. అది ఒక   लोरसोर जायै जाय फेंजानाय नङा एबा जाय गंग्लायथाव नङा:"सिकन्दरनि खाथियाव पोरसा गोरा जायो   आनाव सोरनिबा बिजिरनायाव बिनि बिमानि फिसाजो एबा मादै   भाजप भाजपाची मजुरी:"पसरकार रोटयांची भाजणी म्हूण धा रुपया मागता   नागरिकता कुनै स्थान   ३।। कोटी      ۔۔۔۔۔۔۔۔   ۔گوڑ سنکرمن      0      00   ૦૦   ୦୦   000   ০০০   ૦૦૦   ୦୦୦   00000   ০০০০০   0000000   00000000000   00000000000000000   000 பில்லியன்   000 மனித ஆண்டுகள்   1                  1/16 ರೂಪಾಯಿ   1/20   1/3   ૧।।   10   १०   ১০   ੧੦   ૧૦   ୧୦   ൧൦   100   ۱٠٠   १००   ১০০   ੧੦੦   ૧૦૦   ୧୦୦   1000   १०००   ১০০০   ੧੦੦੦   ૧૦૦૦   ୧୦୦୦   10000   १००००   ১০০০০   ੧੦੦੦੦   ૧૦૦૦૦   ୧୦୦୦୦   100000   ۱٠٠٠٠٠   १०००००   ১০০০০০   ੧੦੦੦੦੦   ૧૦૦૦૦૦   1000000   १००००००   ১০০০০০০   
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