महोदर n. एक नाग, जो कश्यप एवं कद्रू के पुत्रों में से एक था ।
महोदर II. n. , धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से एक । भीमसेन ने नाराच नामक बाण इसकी छाती में मार कर इसका वध किया
[म.ब्व्ही.८४.२६] ।
महोदर III. n. एक राक्षस, जो घटोत्कच का मित्र था । कामकटंकटा को जीतने के इए घटोत्कच जब प्राक्ज्योतिषपुर जाने निकला, उस समय यह उसका एक अनुचर
[स्कंद.१.२.५९-६०] ।
महोदर IV. n. एक ऋषि । श्रीराम के द्वारा मारे गये एक राक्षस का मस्तक इसकी जॉंघ में आ कर चिपक गया था । पश्चात् सरस्वती नदी के तट पर स्थित ‘औषनस’ नामक तीर्थ में स्नान करने के कारण, वह चिपका हुआ सिर छुट गया । इसी कारण, औषनस तीर्थ को ‘कपालमोचन’ नाम प्राप्त हुआ
[म.श.३८.१०-२३] ।
महोदर IX. n. एक प्रातःस्मरणीय नृप
[म.अनु.१६५.५२] ।
महोदर V. n. रावण के पुत्रों में से एक । राम-रावण युद्ध में इसने सर्व प्रथम अंगद से, एवं तत्पश्चात् नील नामक वानर से युद्ध किया, जिसने इसका वध किया
[वा.रा.यु.७०.३१] ।
महोदर VI. n. रावण का एक दुष्टबुद्धि प्रधान
[वा.रा.उ.१४.१] । रावण सीता को वश में लाने के लिए चाहता था । उस समय इसने रावण को सलाह दी थी कि, रामवध की झूठी वार्ता फैलाने से ही सीता वश में आ सकती है । इसने रावण से कहा, ‘मैं स्वयं द्विजिह्र, कुंभकर्ण, संह्रादिन् तथा वितर्दन नामक राक्षसों को साथ ले कर,राम से युद्ध करने के लिए जाता हूँ । उस युद्ध से लौट आते समय, हम ‘राम मर गया’ इस प्रकार चिल्लाते हुए अशोकवन में प्रवेश करेंगे । इस वृत्त को सुनते ही भयभीत हो कर सीता तुम्हारे वंश में आयेगी’
[वा.रा.यु.६४.२२-३३] । महोदर प्रधान की यह सलाह रावण एवं कुंभकण ने अस्वीकार कर दी, एवं रावण ने अकेले कुंभकर्ण को ही रणभूमि में भेज दिया । पश्चात् इसका सुग्रीव के साथ युद्ध हो कर, यह उसीके हाथों मारा गया
[वा.रा.यु.९७.३६] ।
महोदर VII. n. रावण के मातामय सुमालि नामक राक्षस का सचिव । राम रावण युद्ध के समय, रावण की सहाय्यता के लिए यह सुमालि राक्षस के साथ बाहर आया था
[वा.रा.उ.११.२] ।
महोदर VIII. n. रावण का एक भाई, जो विश्रवस् एवं पुष्पोत्कटा के पुत्रों में से एक था
[वा.रा.यु.७०.६६] । हनुमत् ने इसका वध किया था ।