हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|संध्या-प्रकरण|संध्याका समय| मस्तकपर जल छिडकनेके विनियोग और मन्त्र संध्याका समय संध्याका समय संध्याकी आवश्यकता संध्या न करनेसे दोष संध्या कालकी व्याख्या संध्यास्तुति संध्याके लिये पात्र आदि संध्योपासन-विधि मार्जन-विनीयोग-मन्त्र संध्याका संकल्प प्राणायामका विनियोग मस्तकपर जल छिडकनेके विनियोग और मन्त्र अघमर्षण और आचमनके विनियोग और मन्त्र सूर्यार्घ्य-विधि सूर्योपस्थानके मन्त्र मस्तकपर जल छिडकनेके विनियोग और मन्त्र प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा मस्तकपर जल छिडकनेके विनियोग और मन्त्र Translation - भाषांतर मस्तकपर जल छिडकनेके विनियोग और मन्त्र-निम्नलिखित विनियोग पढकर बाये हाथमें जल लेकर दाहिने हाथसे ढक ले और निम्नलिखित मन्त्र पढकर सिरपर छिड्के।विनियोग-द्रुपदादिवेत्यस्य कोकिलो राजपुत्र ऋषिरनुष्टुप् छन्द: आपो देवता: शिरस्सेके विनियोग:।मन्त्र-ॐ द्रुपदादिव मुमुचान: स्विन्न: स्नातो मलादिव।पुतं पवित्रेणेवाज्यमाप: शुन्धन्तु मैनस:॥ N/A References : N/A Last Updated : November 26, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP