तर्पण ( पितृयज्ञ )
तर्पणके योग्य पात्र-सोना, चाँदी, ताँबा, काँसाका पात्र पितरोंके तर्पनमें प्रशस्त माना गया है। मिट्टी तथा लोहेका पात्र सर्वथा वर्जित है।
तिल-तर्पणका निषेध-
सप्तमी एवं रविवारको, घरमें, जन्मदिनमें, दास, पुत्र और स्त्रीकी कामनावाला मनुष्य तिलसे तर्पण न करे।
नन्दा ( प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी) तिथि, शुक्रवार, कृत्तिका, मघा एवं भरणी नक्षत्र, रविवार तथा गजच्छायायोगमें तिलमिले जलसे कदापि तर्पण न करे।
कुशाके अग्रभागसे देवताओंका, मध्यसे मनुष्योंका और मूल तथा अग्रभागसे पितरोंका तर्पण करे।
घरमें, ग्रहण,पितृश्राध्द, व्यतीपातयोग, अमावस्या तथा संक्रान्तिके दिन निषेध होनेपर भी तिलसे तर्पण करे। किंतु अन्य दिनोंमें घरमें तिलसे तर्पण न करे।