माघ शुक्लपक्ष व्रत - माघी पूर्णिमा

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


माघी पूर्णिमा

( दानचन्द्रोदय ) - माघ शुक्ल पूर्णिमाको प्रातःस्त्रानादिके पीछे विष्णुका पूजन करे, पितरोंका श्राद्ध करे, असमर्थोंको भोजन, वस्त्र और आश्रय दे, तिल, कम्बल, कपास, गुड़, घी, मोदक, उपानह्, फल, अन्न और सुवर्णादिका दान करे और व्रत या उपवास करके ब्राह्मणोंको भोजन कराये और कथा सुने ।

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Last Updated : January 01, 2002

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