महाजया संक्रान्तिव्रत
( ब्रह्मपुराण ) - किसी महीनेकी कोई भी संक्रान्ति यदि शुक्लपक्षकी सप्तमी और रविवारको हो तो वह ' महाजया ' २ सूर्यमूर्तिको अथवा पूर्वप्रतिष्ठित सूर्य - प्रतिमाको स्थापित करके गौके घी और दूधसे पूर्ण स्त्रान कराये तथा पञ्चोपचार पूजन करके सोपवास जप, तप, अश्वमेधादिके समान फल होता है और व्रत करनेवालेको सूर्यलोककी प्राप्ति होती हैं ।
शुक्लपक्षे तु सप्तम्यां यदा संक्रमते रविः ।
महाजया तदा सा वै सप्तमी भास्करप्रिया ॥ ( ब्रह्मपुराण )