हिंदी सूची|व्रत|संक्रान्ति व्रत| मेषादिगत सूर्यव्रत संक्रान्ति व्रत संक्रान्ति बहुसम्मत संक्रान्तिव्रत वङ्गऋषिसम्मत संक्रमणव्रत महाजया संक्रान्तिव्रत धनसंक्रान्तिव्रत धान्यसंक्रान्तिव्रत भोगसंक्रान्तिव्रत रुपसंक्रान्तिव्रत तेजःसंक्रान्तिव्रत आयुःसंक्रान्तिव्रत मेषादिगत सूर्यव्रत संक्रान्तिव्रत - मेषादिगत सूर्यव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalsankrantivratमहिनाव्रतसंक्रान्तिसण मेषादिगत सूर्यव्रत Translation - भाषांतर मेषादिगत सूर्यव्रत ( लक्ष्मीनारायणसंग्रह ) - व्रतीको चाहिये कि मेषसंक्रान्तिमें सूर्य रहे तबतक प्रत्येक रविवारको तीन बूँद ' गोबर जल ' पीकर व्रत करे । इसी प्रकार वृषमें केवल तीन अञ्जलि जल; मिथुनमें तीन काली मिर्च; कर्कमें तीन मुट्ठी गोधूमसत्तू; सिंहमें तीन बूँद गोशृंगका धोया हुआ जल; कन्यामें तीन पल अन्न; तुलामें केवल प्राणायामकी वायुका भक्षण; वृश्चिकमें तीन तुलसीदल; धनमें तीन पल गोघृत; मकरमें तीन मुट्ठी तिल; कुम्भमें तीन पल गौका दही और मीनमें तीन पल गोदुग्ध पीकर उपवास करे तो सब प्रकारके अरिष्ट, कष्ट या व्याधियाँ दूर हो जाती हैं और शरीरकी सुन्दरता तथा शक्ति बढ़ जाती है । N/A References : N/A Last Updated : January 02, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP