संक्रान्तिव्रत - तेजःसंक्रान्तिव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


तेजःसंक्रान्तिव्रत

( मत्स्यपुराण ) - संक्रान्तिके पुण्य - कालमे सुपूजित कलशको चावलोंसे भरकर उसपर घीका दीपक रखे और उसके समीपमें मोदक रखकर,

' ममाखिलदोषप्रशमनपूर्वकतेजः प्राप्तिकामनयेदं पूर्णपात्रं गन्धपुष्पाद्यर्चितं यथानामगोत्राय ब्राह्मणाय दातुमहमुत्सृजे ।'

से जल छोड़कर सम्पूर्ण सामग्री ब्राह्मणको दे तो इससे तेज बढ़ता है ।

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Last Updated : January 02, 2002

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