हिंदी सूची|व्रत|अन्य व्रत| सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत अन्य व्रत मौनव्रत शत्रुनाशकव्रत लक्षपूजाव्रत लक्षतुलसीदलार्पणव्रत लक्षप्रमामव्रत लक्षप्रदक्षिणाव्रत लक्षवर्तिप्रदानव्रत लक्षवर्तिदानव्रत गोपद्मव्रत धारणपारणव्रत अश्वत्थोपनयनव्रत अश्वत्थप्रदक्षिणाव्रत द्वादशमासव्रत सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत सुतप्रद धर्ममूलव्रत मेधावर्द्धक ग्रहणव्रत अनिष्टहर ग्रहणव्रत वैधव्य योग नाशक सावित्रीव्रत वैधव्यहर अश्वत्थव्रत वैधव्यहर कर्कटीव्रत प्रदोष व्रत वैधव्यहर अश्वत्थव्रत वैधव्यहर कर्कटीव्रत वैधव्यहर विवाहव्रत सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : dayvratव्रत सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत Translation - भाषांतर सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत ( सौभाग्यलक्ष्मीसंग्रह ) - यह व्रत एक - एक कलाव्रुद्धिसे सोलह वर्षोंमें पूर्ण होता है । व्रतीको चाहिये कि आरम्भके शुभ दिनमें प्रातःस्त्रान आदिसे निवृत्त होकर ' ममाखिलपापक्षयपूर्वकमचलसम्पत्तिप्राप्तिकामनया श्रीव्रतमहं करिष्ये ' यह संकल्प करके सोने, चाँदी या ताँबेके पात्रमें दाड़िमकी लेखनी और केसर - चन्दनसे ' श्री ' लिखे और उसका १ ईश्वरी, २ कमला, ३ लक्ष्मी, ४ चला, ५ भूति, ६ हरिप्रिया, ७ पद्मा, ८ पद्मालया , ९ सम्पद्, १० उच्चैः, ११ श्री और १२ पद्म धारिणी - नामोसें पूजन करके ' श्री ' मन्त्नके पाँच या दस हजार जप करे । इस प्रकार प्रतिदिन वर्षपर्यन्त करनेसे एक कला सम्पन्न होती है । यदि वह सोलह वर्षतक किया जाय तो सोलह कलाएँ पूर्ण हो जाती हैं और उसका अमित फल होता है । स्मरण रहे कि जप करते समय सुपूजित ' श्री ' को हदयङगम रखकर या उसपर दृष्टि स्थिर करके जप करनेसे अचल प्राप्त होती हैं । द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मीं सम्पूज्य यः पठेत् । स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत् तस्य पुत्रदारदिभिः सह ॥ ( सौभाग्यलक्ष्मी ) N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2012 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP