भजन - तू न तजत सब तोहि तजेंगे ।...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
तू न तजत सब तोहि तजेंगे ।
जा हित जग जंजाल उठावत तोकहँ छाँड़ि भजेंगे ॥
जाकहँ करत पियार प्राणसम जो तोहि प्राण कहेंगे ।
सोऊ तोकहँ मरयो जानिकै देखत देह डरेंगे ॥
देह गेह अरु नेह नाहते नातो नहिं बिनहेंगे ।
जा बस है निज जन्म गँवावत कोउ न संग रहेंगे ॥
कोऊ सुख जग दुःख-बिहीन नहिं कोउ संग करेंगे ।
रामप्रिया बिनु रामललाके भव भय कोउ न हरेंगे ॥
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Last Updated : December 23, 2007

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