हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|रामप्रियाजी| जय जयति जय रघुबंशभूषण राम... रामप्रियाजी तू न तजत सब तोहि तजेंगे ।... जब किंकिनी धुनि कान परी र... जय जयति जय रघुबंशभूषण राम... जोई जल ब्यापक जहानको जननह... भजन - जय जयति जय रघुबंशभूषण राम... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanrampriyajiभजनरामप्रियाजी प्रार्थना Translation - भाषांतर जय जयति जय रघुबंशभूषण राम राजिवलोचनम् । त्रैतापखंडन जगत-मंडन ध्यानगम्य अगोचरम् ॥ अद्वैत अविनाशी अनिन्दित मोक्षप्रद अरिगंजनम् । तव शरण भवनिधि-पारगायक अन्यजगतविडम्बन् ॥ दुख-दीन-दारिदके विदारक दयासिन्धु कृपाकरम् । त्वं रामप्रियके राम जीवनमूरि मंगलमंगलम् ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 23, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP