हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|रहीम| भुजग जुग किधौ हैं काम कमन... रहीम दोहावली छबि आवन मोहनलालकी । काछि... कमलदल नैननिकी उनमानि । ब... शरद -निशि -निशीथे चाँदकी ... कलित ललित माला वा जवाहर ख... दृग छकित छबीली छेलराकी छर... कठिन कुटिल काली देख दिलदा... जरद बसनवाला गुलचमन देखता... तरल तरन -सी हैं तीर -सी न... भुजग जुग किधौ हैं काम कमन... पकरि परम प्यारे साँवरेको ... पट चाहै तन , पेट चाहत छदन... भजन - भुजग जुग किधौ हैं काम कमन... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajanraheemभजनरहीम राग चाँदनी केदारा - ताल आड़ा चौताला Translation - भाषांतर भुजग जुग किधौ हैं काम कमनैत सोहैं, नटवर ! तव मोहैं बाँकुरी मान भौंहैं । सुनु सखि, मृदु बानी बेदुरुस्ती अकिलमें, सरल-सरल सानी कै गई सार दिलमें ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 25, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP