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त्रयोदशमुखी रुद्राक्ष धारण मन्त्र

त्रयोदशमुखी रुद्राक्ष धारण मन्त्र

रुद्राक्ष अत्यंत पवित्र, शंकरांना अत्यंत प्रिय, तसेच दर्शन, स्पर्श व जप द्वारा सर्व पापे नष्ट होतात.


ॐ इं यां आपः ॐ

विनियोग :

अस्य इन्द्रमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, पंक्‍तिछन्दः, इन्द्रोदेवता, ईं बीजं, आप शक्‍तिः, मम चतुर्वर्गसिद्धयर्थे रुद्राक्षधारणार्थे जपे विनियोगः ।

ऋष्यादिन्यास :

ॐ ब्रह्मा ऋषये नमः शिरसी ॥१॥

ॐ पंक्‍ति छन्दसे नमो मुखे ॥२॥

ॐ इन्द्रौ देवतायै नमो ह्रुदि ॥३॥

ॐ ईं बीजाय नमो गुहये ॥४॥

ॐ आप शक्‍तये नमः पादयोः ॥५॥

करन्यास :

ॐ ॐ अंगुष्‍ठाभ्यां नमः ॥१॥

ॐ ईं तर्जनीभ्यां स्वाहा ॥२॥

ॐ यां मध्यमाभ्यां वषट्‌ ॥३॥

ॐ आप अनामिकाभ्यां हुम्‌ ॥४॥

ॐ ॐ कनिष्‍ठिकाभ्यां वौषट्‌ ॥५॥

ॐ ई यां आप ॐ करतलकरपृष्‍ठाभ्यां फट्‌ ॥६॥

अंगन्यास :

ॐ ॐ ह्रुदयाय नमः ॥१॥

ॐ ईं शिरसे स्वाहा ॥२॥

ॐ यां शिखायै वषट्‌ ॥३॥

ॐ आप कवचाय हुम्‌ ॥४॥

ॐ ॐ नेत्रत्रयाय वौष्‌ट ॥५॥

ॐ ईं यां आप ॐ अस्‍त्राय फट ॥६॥

ध्यान :

पीतवर्णं सहस्‍त्राक्षं वज्रपद्मधरं विभुम्‌ ।

सर्वालंकारसंयुक्‍तं नौमीन्द्रादिकमीश्‍वरम्‌ ।

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Last Updated : May 24, 2018

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