हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|चैत्रके व्रत|चैत्र कृष्णपक्ष व्रत| गौरीव्रत चैत्र कृष्णपक्ष व्रत आरंभ गौरीव्रत होलामहोत्सव संकष्टचतुर्थीव्रत शीतलाष्टमी संतानाष्टमी कृष्णैकादशी वारुणीयोग होलामहोत्सव केदारदर्शन चैत्री अमा वह्लीव्रत पितृव्रत चैत्र कृष्णपक्ष व्रत - गौरीव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : chaitrafestivalmonthvratचैत्रमहिनाव्रतसण गौरीव्रत Translation - भाषांतर गौरीव्रत ( व्रतविज्ञान ) - यह चैत्र कृष्ण प्रतिपदासे चैत्र शुक्ल द्वितीयातक किया जाता है । इसको विवाहिता और कुमारी दोनों प्रकारकी स्त्रियाँ करती हैं ॥ इसके लिये होलीकी भस्म और काली मिट्टी - इनके मिश्रणसे गौरीकी मूर्ति बनायी जाती है और प्रतिदिन प्रातःकालके समय समीपके पुष्पोद्यानसे फल, पुष्प, दूर्वा और जलपूर्ण कलश लावर उसको गीत - मन्तोंसे पूजती हैं । यह व्रत विशेषकर अहिवातकी रक्षा और पतिप्रेमकी वृद्धिके निमित्त किया जाता है । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP