लीला गान - देखो री एक बाला जोगी ...

’लीलागान’में भगवल्लीकी मनोमोहिनी मनको लुभाती है ।


देखो री एक बाला जोगी, द्वार हमारे आया है री ॥ टेर॥

बघम्बरका ओढ़ दुशाला, शेषनाग लपटाया है री ।

माथे वाके तिलक चन्द्रमा, जोगी जटा बढ़ाया है री ॥१॥

ले भिक्षा निकली नन्द रानी, मोतियन थाल भराया है री ।

जा योगी अपने आश्रमको, मेरा कान्ह डराया है री ॥२॥

ना चहिये तेरे हीरा मोती, ना चहिये तेरी माया है री ।

तेरे लालके दरश दिखा, साधू काशीसे आया है री ॥३॥

ले बालक निकली नन्दरानी, योगी दर्शन पाया हैरी ।

सात बेर परिक्रमा करके, सिंगी नाँद बजाया है री ॥४॥

सूरदास बैकुण्ठधाममें, धन्य यसोमति माया है री ।

तीन लोकके कर्ता हर्ता, तेरी गोदी आया है री ॥५॥

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Last Updated : January 22, 2014

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