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श्रीमनाचे श्लोक
श्रीसमर्थ रामदास स्वामींचे श्रीमनाचे श्लोक, श्रीसमर्थांचे हे मनाचे श्र्लोक अतिशय सोपे आहेत. मनाला आवरुन रामरूपाच्या ठायी समरसून जावे व मुक्तीचा सुखसोहळा भोगावा अशी श्रीसमर्थांची या श्र्लोकांच्या रूपाने शिकवण आहे. वाचकांनी ही २०५ मोत्यांची माळ कंठात अखंड ठेवावी व कृतार्थ व्हावे. Manache Shlok By Ramadas Swami. They teach you how to control your mind and spirit spiriually towards Lord Rama.
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रामदासकृत हिन्दी मनके श्लोक
'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत.
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श्री कल्याण - स्फुट श्लोक
स्फुट श्लोक
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स्फुट श्लोक - अंजनीसुत
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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विवेकवैराग्यनाम - ॥ समास पांचवां - आत्मनिवेदननाम ॥
इस ग्रंथमें प्रत्येक छंद ‘मुख्य आत्मनुभूति से’ एवं सभी ग्रंथों की सम्मति लेकर लिखा है ।
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मंत्रों का नाम - ॥ समास चौथा - उपदेशनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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नवविधाभक्तिनाम - ॥ समास छठवां - वंदनभक्तिनाम ॥
‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है ।
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देवशोधन नाम - ॥ समास छठवां - सृष्टिकथननाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
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चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास पहला - मंगलाचरणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
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चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास छठवां - बद्धमुक्तनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
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अखंडध्याननाम - ॥ समास दूसरा - भिक्षानिरूपणनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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नवविधाभक्तिनाम - ॥ समास दूसरा - कीर्तनभजननिरूपणनाम ॥
‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है ।
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देवशोधन नाम - ॥ समास चौथा - ब्रह्मनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
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पूर्णदशक - ॥ समास छठवां - आत्मागुणनिरूपणनाम ॥
इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है ।
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स्तवणनाम - ॥ समास आठवां सभास्तवननाम ॥
इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी.
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सगुणपरीक्षा - ॥ समास आठवा - आधिदैविकतापनाम ॥
श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।
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नवविधाभक्तिनाम - ॥ समास आठवां - सख्यभक्तिनिरुपणनाम ॥
‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है ।
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मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास तीसरा - कुविद्यालक्षणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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नवविधाभक्तिनाम - ॥ समास पहला - श्रवणभक्तिनिरूपणनाम ॥
‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है ।
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ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास तीसरा - सूक्ष्मआशंकानाम ॥
३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी ।
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चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास सातवां - साधनप्रतिष्ठानिरूपणननाम ॥
श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है ।
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ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास सातवां - मोक्षलक्षणनाम ॥
३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी ।
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मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास पांचवां - रजोगुणलक्षणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास दूसरा - सूक्ष्मआशंकानाम ॥
३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी ।
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भीमदशक - ॥ समास पहला - सिद्धांतनिरूपणनाम ॥
३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी ।
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जगज्जोतिनाम - ॥ समास दसवां - चलाचलनिरूपणनान ॥
श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है ।
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जगज्जोतिनाम - ॥ समास छठवां - भ्रमनिरूपणनाम ॥
श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है ।
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सगुणपरीक्षा - ॥ समास छठवां - आध्यात्मिकताप निरूपणनाम ॥
श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।
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सगुणपरीक्षा - ॥ समास सातवां - आधिभौतिकताप निरूपणनाम ॥
श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है ।
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श्लोक
Meanings: 30; in Dictionaries: 8
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स्फुट श्लोक - डगमघ करिताहे सर्व ब्रह्मा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ४१ ते ४३
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - परम सुंदर वाजवि मोहरी । र...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ५१ ते ५३
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - श्लोक १६ ते १७
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ११ ते १५
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - ज्ञानी येक भला कवित्व वदल...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - अनूरक्त वीरक्त माया प्रपं...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - हरादी विधी विष्णु हे गूणर...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - भागवत १
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - गुरूसी करी तोंडपीटी विकार...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - पतितासि तारी उतारी कृपाळू...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ५४ ते ५७
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ५
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ५८
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - करी नाम कल्याण सर्वा जिवा...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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स्फुट श्लोक - श्लोक १ ते २
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - श्लोक २६ ते ३०
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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स्फुट श्लोक - श्लोक ३१ ते ३५
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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श्री रामदासस्वामीं विरचित - स्फुट श्लोक
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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