-
वामन पंडित - सीता स्वयंवर
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 2.854363 | Lang: NA
-
वामन पंडित - रामजन्म
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 2.85311 | Lang: NA
-
वामन पंडित - लोपामुद्रा संवाद
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 2.85311 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भरत भाव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 2.852659 | Lang: NA
-
वामन पंडित - अहिल्योद्धार
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 2.85214 | Lang: NA
-
श्रीराम विठ्ठल गायकवाड
काव्यसंग्रह - स्वर अंतरंगाचे कवी - श्रीराम विठ्ठल गायकवाड
Type: INDEX | Rank: 2.365179 | Lang: NA
-
रघुनाथ पंडित
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
Type: INDEX | Rank: 2.240864 | Lang: NA
-
रघुनाथ पंडित - रामदास- वर्णन
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
Type: PAGE | Rank: 2.110408 | Lang: NA
-
रघुनाथ पंडित - गजेंद्र मोक्ष
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
Type: PAGE | Rank: 2.110408 | Lang: NA
-
वामन पंडित - श्रीहरिगीता
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 1.997276 | Lang: NA
-
वामन पंडित - राजयोग
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 1.997276 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ५
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.707301 | Lang: NA
-
वामन पंडित - कंसवध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.511585 | Lang: NA
-
विजयालक्ष्मी पंडित
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.427569 | Lang: NA
-
वामन पंडित - विश्वास वध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - रुक्मिणी विलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - चरमगुरुमंजरी.
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - चित्सुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - गीतार्णव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग २
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - शुकाष्टक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - स्फूटश्लोक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - गजेंद्र मोक्ष
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - नाम सुधा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: INDEX | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग १
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग ३
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - ब्रम्हस्तुति
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - यज्ञपत्न्याख्यान
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - दंपत्य चरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वामनचरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.424615 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1.337644 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण - अध्याय ३
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.337644 | Lang: NA
-
वामन पंडित - कर्मतत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
Type: INDEX | Rank: 1.337644 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण - अध्याय २
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.337644 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण - अध्याय १
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1.337644 | Lang: NA
-
वामन पंडित - साम्राज्यवामनटीका
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 1.320182 | Lang: NA
-
विजयलक्ष्मी पंडित
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.304914 | Lang: NA
-
वामन पंडित
वामन पंडितांच्या काव्य रचना म्हणजे मराठी काव्य प्रकारातील मैलाचे दगड होत.
Type: INDEX | Rank: 1.250674 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ९
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ८
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति २
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ६
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति १०
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ३
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति १
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ७
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 1.13335 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - अनन्यभक्तीचा मार्ग
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.114539 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - भीष्माचे प्रत्युत्तर
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.114539 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - स्वर्गाकडे प्रयाण
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.114539 | Lang: NA