उपहृ [upahṛ] 1
[P.] To fetch, bring near, भक्त्युपहृत
[Bg. 9.26;] फलमिश्रमर्घमुपहर
[Ś.1;] तमस्योपहर
[Ś.7;] so बलिम् अन्नम् &c.
To offer, present, give (with dat. or gen.); विमानप्रतिमां तत्र मनेय सुकृतां सभाम् । पाण्डवानामुपहृतां स दृष्ट्वा पर्यतप्यत ॥
[Mb.1.1.135.] तथापि राजपरिग्रहोऽस्य प्रभुत्वमुपहरति M.1 invests with importance; मातृभ्यो बलिमुपहर
[Mk.1;] नीवारभागधेयमस्माकमुपहरन्तु
[Ś.2;] दर्भान् ऋत्विग्भ्य उपहरामि
[Ś. 3;] [Mv.6.22;] [K.4,65;] [R.14.19,16.86,19.12;] उपहर पादम् M.3 give.
To serve out or distribute (food).
To offer as a victim, sacrifice; प्रागुपयाचितं स्त्रीरत्नमुपहर्तव्यम्
[Māl.5;] मालतीमुपहरन् 9.
To put down, throw.
To collect, gather together.
To take away, destroy.
To employ, apply, use. -Caus. To cause to offer or bring; मां प्रियाण्युपहारय
[Bk.8.84.]