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द्रुह् 1.cl. 4. P. द्रु॑ह्यति ( ep. and metr. also Ā. °ते), [Br.] ; [MBh.] ; [R.] &c. ( pf. दुद्र्भ, [RV.] , °हिथ, [AV.] ; aor. अद्रुहत्, Gr., Subj. 2 sg. द्रुहस्, [MBh., 3] pl. द्रुहन् [with मा] [RV.; 2] sg. अद्रुक्स्हस्, [AitBr.] ; fut. ध्रोक्ष्यति, [MaitrS.] , द्रोहिष्यति, [Pāṇ. 7-2, 45] ; द्रोग्धा, द्रोढा or द्रोहिताGr. ; inf. द्रोग्धवै, [Kāṭh.] ; ind.p. द्रुग्ध्वा, द्रोछित्वा, द्रुहित्वाGr. ; -द्रुह्य, [MaitrS.] ) to hurt, seek to harm, be hostile to ( dat. ; rarely gen. [ [R. ii, 99, 23] ; [Hit. ii, 121] ] loc. [ [BhP. iv, 2, 21] ] or acc. [ [Mn. ii, 144] ]); absol. to bear malice or hatred, [MBh.] ; [Hit.] ; to be a foe or rival, [Kāvyâd. ii, 61] : Caus. द्रोहयति: Desid. दुद्रोहिषति, दुद्रुह्°Gr. ; दुद्रुक्षत्, [Kāṭh.] ( cf. अभि- and दुध्रुक्षु). द्रुह् [Orig. ध्रुघ्; cf. Zd. druj; Germ. triogan, trūgen.] द्रुह् mfn. 2.mfn. ( nom. ध्रुक् or ध्रुट्, [Pāṇ. 8-2, 33] ; wrongly द्रुक्; cf. नि॑द्रा-.) injuring, hurtful, hostile to ( gen. or comp. ), [Mn.] ; [MBh.] ; [Pur.] द्रुह् mf. mf. injurer, foe, fiend, demon, [RV.] ; [Kāṭh.] द्रुह् f. f. injury, harm, offence, [RV.] ; [AV.] द्रुह् [ cf. Zd. druj; Germ. gidrog, gethroc.]
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