सुधन्वन् n. एक ब्राह्मण, जो धनुर्वेद एवं अर्थशास्त्र से निष्णात था
[वा. रा. अयो. १००.१४] ।
सुधन्वन् (आंगिरस) n. एक तत्त्वज्ञ आचार्य, जो अंगिरस् ऋषि के पुत्रों में से एक था । इसने पतंचल काप्य की कन्या के शरीर में प्रविष्ट हो कर भुज्यु लाह्यायनि नामक आचार्य को आत्मज्ञानविषयक ज्ञान प्रदान किया था । इसी ज्ञान के बल से आगे चल कर भुज्यु लाह्यायनि ने याज्ञवल्क्य वाजसनेय को परास्त करना चाहा
[बृ. उ. ३.३.१] ; भुज्यु लाह्यायनि देखिये ।
सुधन्वन् (आंगिरस) II. n. अंगिरस् ऋषि के पुत्रों में से एक
[म. अनु. १३२.४३] । केशिनी राजकन्या की प्राप्ति के लिए इसने विरोचन दैत्य के साथ श्रेष्ठता के संबंध में शर्त लगायी थी, जिसमें इसने उसे परास्त किया
[म. स. ६१-७६] ;
[म. उ. ३५] ; विरोचन १. देखिये ।
सुधन्वन् II. n. सांकाश्य नगरी का एक राजा, जो सीरध्वज जनक राजा का समकालीन था । इसने सीरध्वज की कन्या सीता से विवाह करना चाहा। इसका यह प्रस्ताव सीरध्वज द्वारा अस्वीकार किये जाने पर, इसने मिथिला नगरी पर आक्रमण किया । पश्चात्त् हुए युद्ध में यह स्वयं ही मारा गया
[वा. रा. बा. ७१.१६-२१] । इसकी मृत्यु के पश्चात् सांगाश्य नगरी पर सीरध्वज का बंधु कुशध्वज राज्य करने लगा ।
सुधन्वन् III. n. (सू. निमि.) विदेह देश का एक राजा, जो विष्णु के अनुसार शाश्र्वत राजा का पुत्र था ।
सुधन्वन् IV. n. (सो. ऋक्ष.) एक राजा, जो विष्णु के अनुसार सत्यधृत राजा का, वायु एवं भागवत के अनुसार सत्यहित का, एवं मत्स्य के अनुसार सत्यधृति राजा का पुत्र था
[विष्णु. ४.१९.८२] ;
[वायु. ९९.२२५] । भागवत एवं मत्स्य में इसे क्रमशः जह्नु एवं धनुष कहा गया है ।
सुधन्वन् V. n. चंपक नगरी के हंसध्वज राजा का कनिष्ठपुत्र, जो अपने पिता के लिखित एवं शंखध्वज नामक दुष्टबुद्धि प्रधानों के षडयंत्र के कारण मृत्यु का शिकार बननेवाला था, किन्तु कृष्णभक्ति के कारण जीवित रहा (लिखित २. देखिये) ।