हंसध्वज n. चंपक नगरी का एक विष्णुभक्त राजा, जिसके विदूरथ, चंद्रकेतु, चंद्रसेन आदि बन्धु थे । इसके मंत्रियों के नाम सुमति, सुगति, तुष्ट एवं श्रद्धालु थे, एवं शंख एवं लिखित नामक बंधुद्वय इसके पुरोहित थे । अपने राज्य में इसने एकपत्नीव्रत का पुरस्कार किया था ।
हंसध्वज n. युधिष्ठिर के अश्वमेध यज्ञ के समय, अर्जुन के द्वारा रक्षण किया गया अश्व इसने पकड़ लिया, जिस कारण इसके सुधन्वन् एवं सुरथ नामक दो पुत्रों का अर्जुन ने वध किया । पश्चात् अत्यधिक क्रुद्ध हो कर यह स्वयं युद्धभूमि में प्रविष्ट हुआ, एवं अजु्रन से युद्ध करने लगा । इससे युद्ध करने पर अर्जुन की निश्चित ही मृत्यु होगी, यह जान कर कृष्ण ने इन दोनों में मध्यस्थता की, एवं अश्वरक्षण के कार्य में अर्जुन की सहायता करने की इससे प्रार्थना की ।
हंसध्वज n. इसके सुरथ, सुधन्वन्, सुदर्शन, सुबल एवं सम नामक पाँच पुत्र थे
[जै. अ. १७.२१] ।