हैहय n. क्षत्रियों का एक कुल, जिसका संहार परशुराम ने किया था । इस वंश में उत्पन्न निम्नलिखित राजाओं का निर्देश महाभारत में प्राप्त हैः-- १. कार्तवीर्य अर्जुन, जो परशुराम के द्वारा मारा गया
[म. स. परि. १.२१. ४३०-४९०] ; २. परपुरंजय, जिसने हैहय वंश की प्रतिष्ठा कतिपय बढ़ायी थी
[म. व. १८२. ३-५] ; ३. उदावर्त, जो एवं कुलांगार नरेश था
[म. उ. ७२.१३] ; ४. अर्जुन कार्तवीर्य, जो कृतवीर्य राजा का पुत्र था
[म. शां. ४९.३०.४३] ; ५. सुमित्र
[म. शां. १२५.९] । चांद्रसेनीय कायस्थ प्रभु ज्ञाति का आद्य पुरुष चंद्रसेन हैहयवंशीय ही था (कायस्थ धर्मप्रदीप) । किन्तु हैहय वंशावलि में उसका नाम अप्राप्य है ।
हैहय II. n. (सू. शर्याति.) शयांति वंश में उत्पन्न एक राजा, जो हैहय वंश का आद्य संस्थापक माना जाता है । यह वत्स राजा का पुत्र था, एवं इसे वीतहव्य नामान्तर प्राप्त था
[म. अनु. ३०. ७-८] ; वीतहव्य देखिये । आगे चल कर, यह भृगु ऋषि का शिष्य बन कर ब्राह्मण हुआ
[म. अनु. ३०.५४-५७] ।