m manache shlok zoom_inSearch | Show All बहुजिनसी - ॥ समास सातवां - जनस्वभावनिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi बहुजिनसी - ॥ समास आठवां - अंतरदेवनिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi बहुजिनसी - ॥ समास नववां - निद्रानिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi बहुजिनसी - ॥ समास दसवां - श्रोताअवलक्षणनिरूपणनाम ॥ ‘स्वधर्म’ याने मानवधर्म! जिस धर्म के कारण रिश्तों पहचान होकर मनुष्य आचरन करना सीखे । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi दशक उन्नीसवां - शिकवणनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे श्लोक, ramdas, hindi, manache shlok Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास पहला - लेखनक्रियानिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास दूसरा - विवरणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास तीसरा - करंटलक्षणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास चौथा - सदेवलक्षणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास पांचवां - देहमान्यनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास छठवां - बुद्धिवादनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास सातवां - यत्ननिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास आठवां - उपाधिलक्षणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास नववां - राजकारणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi शिकवणनाम - ॥ समास दसवां - विवेकलक्षणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi दशक बीसवां - पूर्णदशक 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे श्लोक, ramdas, hindi, manache shlok Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास पहला - पूर्णापूर्णनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास दूसरा - सृष्टित्रिविधलक्षणनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास तीसरा - सूक्ष्मनामाभिधानाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास चौथा - आत्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास पांचवां - चत्वारजिनसनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास छठवां - आत्मागुणनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास सातवां - आत्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास आठवां - देहक्षेत्रनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास नववां - सूक्ष्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi पूर्णदशक - ॥ समास दसवां - विमलब्रह्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: hi रामदासकृत हिन्दी मनके श्लोक 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: hindi, manache shlok, ramdas, मनाचे श्लोक, रामदास, हिन्दी Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: hi श्रीमनाचे श्लोक श्रीसमर्थ रामदास स्वामींचे श्रीमनाचे श्लोक, श्रीसमर्थांचे हे मनाचे श्र्लोक अतिशय सोपे आहेत. मनाला आवरुन रामरूपाच्या ठायी समरसून जावे व मुक्तीचा सुखसोहळा भोगावा अशी श्रीसमर्थांची या श्र्लोकांच्या रूपाने शिकवण आहे. वाचकांनी ही २०५ मोत्यांची माळ कंठात अखंड ठेवावी व कृतार्थ व्हावे.Manache Shlok By Ramadas Swami. They teach you how to control your mind and spirit spiriually towards Lord Rama. Tags: मनाचे श्लोक, manache shlok, Samartha, Ramdas, रामदास Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: mr | Show All Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP