संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|सूक्तिः|पञ्चमोल्लास| पञ्चमोल्लास पञ्चमोल्लास श्रीकृष्णसूक्तिः श्रीनन्दादिगोपसूक्तिः श्रीयशोदासूक्तिः श्रीराधासूक्तिः श्रीव्रजाङगनासूक्तिः श्रीमुरलीसूक्तिः श्रीवृन्दावनसूक्तिः पञ्चमोल्लास भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags : devidevtasuktiदेवतादेवीसूक्ति श्रीकृष्णसूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devi, devta, देवी, देवता, श्रीकृष्ण, shrikrishna Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A श्रीनन्दादिगोपसूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devi, devta, देवी, देवता Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A श्रीयशोदासूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devi, devta, देवी, देवता, yashoda, यशोदा Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A श्रीराधासूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devta, देवता, राधा, radha Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A श्रीव्रजाङगनासूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devta, देवता Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A श्रीमुरलीसूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devta, देवता Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A श्रीवृन्दावनसूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags: सूक्ति, sukti, devi, devta, देवी, देवता Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A Folder Page Word/Phrase Person References : N/A Last Updated : March 14, 2008 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP