हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|पौषके व्रत|पौष शुक्लपक्ष व्रत| उभयसप्तमी पौष शुक्लपक्ष व्रत आरोग्यव्रत उभयसप्तमी शुक्लैकादशी सुजन्मद्वादशी घृतदान विरुपाक्षपूजन ईशानव्रत पौष शुक्लपक्ष व्रत - उभयसप्तमी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalpaushavratपौषमहिनाव्रतसण उभयसप्तमी Translation - भाषांतर उभयसप्तमी ( आदित्यपुराण ) - यह व्रत पौष शुक्ल सप्तमीको उपवास करके तीनों संधियों ( प्रातः, मध्याह और सायंकाल ) में गन्ध, पुष्प और घृतादिसे सूर्यका पूजन करे और क्षारसिद्ध मोदक निवेदन करे ( पकते हुए घीमें नमक डालकर उसे निकाल दे और फिर आटेको सेंककर मोदक बनावे ) । ब्राह्मणोंको भोजन कराये, गोदान करे और भूमिपर शयन करे तो सब कामना सफल होती है । N/A References : N/A Last Updated : January 01, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP