हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|पौषके व्रत|पौष शुक्लपक्ष व्रत| सुजन्मद्वादशी पौष शुक्लपक्ष व्रत आरोग्यव्रत उभयसप्तमी शुक्लैकादशी सुजन्मद्वादशी घृतदान विरुपाक्षपूजन ईशानव्रत पौष शुक्लपक्ष व्रत - सुजन्मद्वादशी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalpaushavratपौषमहिनाव्रतसण सुजन्मद्वादशी Translation - भाषांतर सुजन्मद्वादशी ( वीरमित्रोदय ) - यदि पौष शुक्ल द्वादशीको ज्येष्ठा नक्षत्र हो तो उस दिन भगवानका पूजन करके घीका दान करे, गोमूत्र पीकर उपवास करे और आगे माघादि महीनोंमें नियत वस्तुका दान और भोजन करके उपवास करे । जैसे माघमें चावलदान, जल - प्राशनः फाल्गुनमें जौदान, घृतभोजन; चैत्रमें सुवर्णदान, सुपक्क शाकभोजन; वैशाखमें जौदान, दूर्वाभोजन; ज्येष्ठमें जलदान, दधि - भोजन; आषाढ़में सोना, अन्न और जलदान, भात - भोजन; श्रावणमें छत्रदान, जौभोजन; भादोंमें दूधदान, तिलभोजन; आश्विनमें अन्नदान, सूर्यकिरणोंसे तपाये हुए जलका भोजन; कार्तिकमें गुड़ - फांटदान, दूधभोजन और मार्गशीर्षमें मलयागिरिचन्दनका दान और दूधका भोजन कर उपवास करे तो कुलमें प्रधानता और घरमें सम्पत्ति होती है । N/A References : N/A Last Updated : January 01, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP