हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|फाल्गुनके व्रत|फाल्गुन शुक्लपक्ष व्रत| तीर्थक्षेत्रीय व्रत फाल्गुन शुक्लपक्ष व्रत पयोव्रत मधुकतृतीया अविघ्रकरव्रत मनोरथचतुर्थी अर्कपुटसप्तमी कामदा सप्तमी कल्याणसप्तमी द्वादशसप्तमी लक्ष्मी सीताष्टमी शुक्लैकादशी पापनाशिनी द्वादशी वृषदानव्रत सर्वार्तिहरव्रत फाल्गुनी पूर्णिमा व्रतद्वयी पूर्णिमा फाल्गुन्यां पूर्वाफाल्गुनी अशोकव्रत लक्ष्मीनारायणव्रत कूर्चव्रत तीर्थक्षेत्रीय व्रत होलिकादहन फाल्गुन शुक्लपक्ष व्रत - तीर्थक्षेत्रीय व्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalphalgunvratफाल्गुनमहिनाव्रतसण पृथक् - पृथक् तीर्थक्षेत्रीय व्रत Translation - भाषांतर पृथक् - पृथक् तीर्थक्षेत्रीय व्रत ( गर्गसंहिता ) - स्वस्थानकी अपेक्षा तीर्थस्थानोंमें किये हुए व्रतादिका अधिक फल होता है । यथा फाल्गुनकी पूर्णिमाको ' नैमिषारण्य ' में; चैत्रीको ' गण्डकी ' में, वैशाखीको ' हरिद्वार ' में, ज्येष्ठीको ' जगदीशपुरी ' ( पुरुषोत्तमक्षेत्र ) में, आषाढ़ीको ' कनखल ' में, श्रावणीको ' केदार ' में, भाद्रीको ' बदरिकाश्रम ' में, आश्विनीको ' कुब्जाद्रि ' ( कुमुदगिरि ) में, कार्तिकीको ' पुष्कर ' में, अभीष्ट व्रत, दान और में, पौषीको ' अयोध्या ' में और माघीको ' प्रयाग ' में अभीष्ट व्रत, दान और यजन करनेसे कई गुना अधिक फल होता है । N/A References : N/A Last Updated : January 02, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP