हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|सूरदास मदनमोहन| हरि जू अजुगत जुगत करे... सूरदास मदनमोहन नंदजू मेरे मन आनंद भयो, ह... मेरे गति तुमहीं अनेक ... मधुके मतवारे स्याम , खो... चलौ री , मुरली सुनिये ,... दरपन देखत , देखत नाहीं ... हरि जू अजुगत जुगत करे... दुहुँ भाँतिनकौ मैं फल ... हमारी सब ही बात सुधार... भगति बैन हैं सब लोग ... किते दिन बिन बृंदाबन ... ब्रजबासीतें हरिकी सोभा ... ब्रज -सम और कोउ नहिं ... भजन - हरि जू अजुगत जुगत करे... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajannagaridasनागरीदासभजन भजन Translation - भाषांतर हरि जू अजुगत जुगत करेंगे । परबत ऊपर बहल काँचकी, नीके लै निकरेंगे ॥ गहिरे जल पाषान नाव बिच आछी भाँति तरेंगे । मैंन तुरुंग चढे़ पावक बिच, नाहीं पिघरि परेंगे ॥ याहू ते असमंजस हो किन, प्रभु दृढ़ कर पकरेंगे । नागर सब आधीन कृपाके, हम इन डर न करेंगे ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 22, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP