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अंधा पूछे आफताबको रे उसे ...

भजन - अंधा पूछे आफताबको रे उसे ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


अंधा पूछे आफताबको रे उसे किस मिसाल बतलाइये जी ?

वा नूर समान नहीं और, कवने तमसील सुनाइये जी

सब आँधरे मील दलील करैं, बिन दीदा दीदार न पाइये जी ।

'यारी' अंदर यकीन बिना, इलमसे क्या बतलाइये जी

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Last Updated : December 25, 2007

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