दधिव्रत
( महाभारत - दानधर्म )
श्रावण शुक्ल द्वादशीको दधिव्रत किया जाता है । उसमें दहीका उपयोग किया जाता है । यदि उस दिन श्रीधर भगवानको विमानमें विराजितकर अहोरात्र आनन्दोत्सव करे तो उससे पञ्चयज्ञके समान फल होता है ।*
* अहोरात्रेण द्वादश्यां श्रावणे मासि श्रीधरम् ।
पञ्चयज्ञमवान्पोति विमानस्थश्च मोदतें ॥