नरसीलो टेर लगावे जी, थे आवो श्रीभगवान ॥
मैं तेरे भरोसे आयो, पण सागे कछु न ल्यायो ।
मैं आकार के पछतायो जी, थे आवो श्रीभगवान ॥१॥
या समय भातकी आई, पण तूँ नहीं सूरत दिखाई ।
यों होसी लोग हँसाई जी,थे आओ श्रीभगवान ॥२॥
के निंद्रा थाने आई, के सत्यभामा बिलमाई ?
के भक्त कोई अटकायो जी, थे आवो श्रीभगवान ॥३॥
यो भात भर् यो नहीं जासी तो नानी बाई मर जासी ।
तो बिरद तिहारो जासी जी, थे आवो श्रीभगवान ॥४॥
जब देवकी-नन्दन आया, कंचनका मेह बरसाया ।
यह वेद बिमल जस गाया जी, थे आओ श्रीभगवान ॥५॥