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जमदग्नी
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जमदग्नी रुशी
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आरती जमदग्नीची - जयदेव, जयदेव, जय दक्षिणके...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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جَمدگِن
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জামদগ্নি
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ଜମଦଗ୍ନି
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જમદગ્નિ
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जमदग्नि
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जमदग्निः
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ஜம்தக்னி
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జమదగ్ని
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ಜಮದಗ್ನಿ
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ജമദഗ്നി
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सप्तर्शी
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रेणुका स्वयंवर
हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत.
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श्री रेणुका देवी माहात्म्य - अध्याय ४
श्री रेणुका देवीची भक्ति केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
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श्री परशुरामावतार
श्रीसद्गुरू दासगणु महाराजांची कीर्तनाख्यानें हीं अत्यंत वैशिष्ट्यपूर्ण, रसाळ आणि विविध काव्यगुणांनी संपन्न असून श्राव्य काव्याचा तो एक उत्कृष्ट नमुना आहे.
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आरती भार्गवरामाची - जयदेव जयदेव जय भार्गवरामा...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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भारुड - जोहार - जोहार मायबाप जोहार । महार...
भारुड Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
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पाळणा - जो जो जो जा रे मधुसुदना ।...
पाळणे - Palane are the marathi lullby songs usually sung at Naming Ceremony called "Barase" (बारसे). These are also sung while putting child to sleep in a swing.
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श्री रेणुका देवी माहात्म्य - अध्याय ५
श्री रेणुका देवीची भक्ति केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय १९ वा
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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उपासना खंड - अध्याय ७८
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय १०
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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नवम स्कंधाचा सारांश
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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उपासना खंड - अध्याय ९२
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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खंड ३ - अध्याय ३६
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय २० वा
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय ९
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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निरंजन माधव - श्री भार्गवरामजन्मचरित्र
निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय ८
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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सहस्त्र नामे - श्लोक १४१ ते १४५
श्रीगणेशाच्या सहस्त्रनामांचे मराठी अर्थ.
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खंड २ - अध्याय १३
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय ६
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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अभंग - ५४७ ते ५६०
संत बहेणाबाईचे अभंग
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय २०
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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श्रीगणेशसहस्त्रनाम - श्लोक १४१ ते १५०
विश्वातील सर्व कारणांचे कारण असणारा असा सर्वात्मा, वेदांनी ज्याची महती गायली आहे, सर्वप्रथम पूजनीय असणार्या अशा गणेशाला मी वंदन करितो.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय १७
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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खंड ३ - अध्याय ४६
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय ४
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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खंड ३ - अध्याय ३५
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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खंड ३ - अध्याय ३७
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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श्री परशुराम माहात्म्य - अध्याय ३३
श्री परशुराम माहात्म्य वाचल्याने अपत्यसुख प्राप्त होते शिवाय शत्रूंपासून संरक्षण मिळते.
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श्रीदत्तलीलामृताब्धिसार - पंचमलहरी
श्री वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज यांनी रचलेल्या या पोथीत श्री गुरूदत्तांच्या अगाध लीलांचे वर्णन केले आहे.
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कथाकल्पतरू - स्तबक १० - अध्याय १५
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीदत्तलीलामृताब्धिसार - चतुर्थलहरी
श्री वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज यांनी रचलेल्या या पोथीत श्री गुरूदत्तांच्या अगाध लीलांचे वर्णन केले आहे.
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कथा कल्पतरू - स्तबक १३ - अध्याय २८
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्री रेणुका देवी माहात्म्य - अध्याय ३
श्री रेणुका देवीची भक्ति केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
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नागनाथ माहात्म्य - अज्ञानसिद्ध कथा
नागनाथ हे नवनाथापैकी असून ते साक्षात शंकराचाच अवतार होय.
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श्री गणेश प्रताप - अध्याय २०
सर्व कीर्तीने युक्त, सर्व देवाधिदेवांमध्ये श्रेष्ठ अशा अत्यंत प्रिय असलेल्या श्रीगजाननाच्या स्तुतीपर हा ग्रंथ आहे.
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