अंतिनार n. (सो.पूरु.) भद्राश्व का पुत्र । इसे तंसुरोध, प्रतिरथ तथा पुरस्ता नामक तीन पुत्र थे
[अग्नि.२७८.३-५] । ऋचेयू का पुत्र । इसे वसुरोध, प्रतिरोध तथा सुबाहु नामक पुत्र थे
[ब्रह्म.१३.५१-५३] । तक्षककन्या ज्वलना से ऋचेयु को उत्पन्न पुत्र । इसे तंसु, प्रतिरथ तथा सुबाहु नामक पुत्र तथा गौरी नामक कन्या थी । यही मांधाता की माता थी
[ह. वं. १.३२.१-३] । सन्नतेयु अथवा अनाधृष्टि इसका पुत्र । इसे तंसु, महान, अतिरथ व द्रुह्यु नामक चार पुत्र थे
[म.आ.८९.११] । ऋतेयू का पुत्र । इसका पुत्र प्रतिरथ
[गरुड.१४०.१-२] । ऋक्ष को तक्षककन्या ज्वलन्ती से उत्पन्न पुत्र । इसने सरस्वती नदी के किनारे द्वादशवार्षिक सत्र किया । सत्र समाप्त होने पर सरस्वती नदी स्त्री रुप में प्रगट हुई तथा अपने से विवाह करने के लिये उसने इसे अनुरोध किया । तब इसने उससे विवाह किया । उससे इसे तंसु नामक पुत्र हुआ
[म.आ.९०.१२] ; रंतिभार तथा मतिनार देखिये ।
अंतिनार II. n. (सो.यदु.) कंबलर्हिष का पुत्र । इसका पुत्र तमोजा ।